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किसान आंदोलन : 34वें दिन भी नयापन बरकरार, शुरू हुई फेरी और सिलाई सेवा - Singhu Border Protest

किसान तीनों कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका प्रदर्शन दिल्ली के सिघु बॉर्डर पर जारी है. ऐसे में प्रदर्शन स्थल पर कई सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें मुख्य रूप से सिलाई सेवा और प्रदर्शनकारियों के आने-जाने के लिये निःशुल्क बैटरी रिक्शा सेवा शामिल है.

फेरी और सिलाई सेवा
फेरी और सिलाई सेवा
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Published : Dec 29, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 10:23 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शन के सबसे प्रमुख स्थल में है, जहां प्रत्येक दिन आंदोलनरत किसान संगठनों के नेताओं की बैठक होती है और मीडिया को भी संबोधित किया जाता है.

आंदोलन के मुख्य विषय के अलावा यह प्रदर्शन स्थल कई तरह की सेवाओं के लिए भी शुरुआत से ही सुर्खियों में रहा है. कभी पिज्जा लंगर तो कभी अन्य सुविधाओं और अनूठे सेवा कार्यों के कारण. आंदोलन के 34वें दिन भी कई नई चीजें यहां देखने को मिलीं, जिसमें मुख्य रूप से सिलाई सेवा और प्रदर्शनकारियों के आने-जाने के लिए निःशुल्क बैटरी रिक्शा सेवा शामिल है.

शुरू हुई फेरी और सिलाई सेवा

सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार लगभग दस किलोमीटर के दायरे में फैली हुई बताई जाती है. ऐसे में दूरी पर रह रहे लोग यदि मंच तक पहुंचकर धरने में शामिल होना चाहते हैं, तो अब वह निःशुल्क बैटरी रिक्शा सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. पहले मंच के निकट धरनास्थल तक पहुंचने के लिए इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी, जिसके कारण लोगों को पैदल ही आना पड़ता था.

यह रिक्शा सेवा मुख्य रूप से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए शुरू की गई है, जिनके पास अपनी सवारी नहीं है या वह अपने ट्रैक्टर से हमेशा आना जाना नहीं कर सकते. सेवादारों से मिली जानकारी के मुताबिक आधा दर्जन से ज्यादा बैटरी रिक्शा को किराए पर इस काम के लिए बुलाया गया है.

पढ़ें- किसानों ने स्वीकारा बातचीत का प्रस्ताव, पर बात बनने की उम्मीद नहीं

दूसरी नई सेवा, सिलाई और मरम्मत की शुरू की गई है. कुंडली स्थित केएफसी मॉल के ठीक सामने यह टेंट लगाया गया है, जहां बिजली से स्वचालित दो नए सिलाई मशीन और कारीगर भी बिठाए गए हैं. इस सेवा को शुरू करने के बारे में समूह के सदस्य गुरमीत सिंह ने बताया कि किसानों के लिए घर जैसा माहौल देने में यह सेवा भी महत्वपूर्ण है. जहां हर तरह की सेवा निःशुल्क चल रही है तो हमने यह सोचा कि क्यों न सिलाई की सेवा भी शुरू की जाए.

आंदोलन में शामिल होने आए लोगों को कपड़ों में मरम्मत की जरूरत पड़ती है तो वह यहां आकर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इसी तरह से जूते पॉलिश और मरम्मत के लिए भी अलग स्टॉल लगाए गए हैं.

कपड़े धोने के लिए लॉन्ड्री सेवा और सेहत बनाने के लिए जिम जैसी सुविधाएं पहले ही मौजूद हैं. सेवा कार्यों में लगे वॉलंटियर्स अब प्रदर्शन स्थल पर साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखते देखे जा सकते हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शन के सबसे प्रमुख स्थल में है, जहां प्रत्येक दिन आंदोलनरत किसान संगठनों के नेताओं की बैठक होती है और मीडिया को भी संबोधित किया जाता है.

आंदोलन के मुख्य विषय के अलावा यह प्रदर्शन स्थल कई तरह की सेवाओं के लिए भी शुरुआत से ही सुर्खियों में रहा है. कभी पिज्जा लंगर तो कभी अन्य सुविधाओं और अनूठे सेवा कार्यों के कारण. आंदोलन के 34वें दिन भी कई नई चीजें यहां देखने को मिलीं, जिसमें मुख्य रूप से सिलाई सेवा और प्रदर्शनकारियों के आने-जाने के लिए निःशुल्क बैटरी रिक्शा सेवा शामिल है.

शुरू हुई फेरी और सिलाई सेवा

सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार लगभग दस किलोमीटर के दायरे में फैली हुई बताई जाती है. ऐसे में दूरी पर रह रहे लोग यदि मंच तक पहुंचकर धरने में शामिल होना चाहते हैं, तो अब वह निःशुल्क बैटरी रिक्शा सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. पहले मंच के निकट धरनास्थल तक पहुंचने के लिए इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी, जिसके कारण लोगों को पैदल ही आना पड़ता था.

यह रिक्शा सेवा मुख्य रूप से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए शुरू की गई है, जिनके पास अपनी सवारी नहीं है या वह अपने ट्रैक्टर से हमेशा आना जाना नहीं कर सकते. सेवादारों से मिली जानकारी के मुताबिक आधा दर्जन से ज्यादा बैटरी रिक्शा को किराए पर इस काम के लिए बुलाया गया है.

पढ़ें- किसानों ने स्वीकारा बातचीत का प्रस्ताव, पर बात बनने की उम्मीद नहीं

दूसरी नई सेवा, सिलाई और मरम्मत की शुरू की गई है. कुंडली स्थित केएफसी मॉल के ठीक सामने यह टेंट लगाया गया है, जहां बिजली से स्वचालित दो नए सिलाई मशीन और कारीगर भी बिठाए गए हैं. इस सेवा को शुरू करने के बारे में समूह के सदस्य गुरमीत सिंह ने बताया कि किसानों के लिए घर जैसा माहौल देने में यह सेवा भी महत्वपूर्ण है. जहां हर तरह की सेवा निःशुल्क चल रही है तो हमने यह सोचा कि क्यों न सिलाई की सेवा भी शुरू की जाए.

आंदोलन में शामिल होने आए लोगों को कपड़ों में मरम्मत की जरूरत पड़ती है तो वह यहां आकर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इसी तरह से जूते पॉलिश और मरम्मत के लिए भी अलग स्टॉल लगाए गए हैं.

कपड़े धोने के लिए लॉन्ड्री सेवा और सेहत बनाने के लिए जिम जैसी सुविधाएं पहले ही मौजूद हैं. सेवा कार्यों में लगे वॉलंटियर्स अब प्रदर्शन स्थल पर साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखते देखे जा सकते हैं.

Last Updated : Dec 29, 2020, 10:23 PM IST
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