नई दिल्ली/पिथौरागढ़ : देश के विभिन्न हिस्सों से स्वदेश लौट रहे 500 से ज्यादा प्रवासी नेपाली मजदूर नेपाल सरकार द्वारा आवाजाही पर रोक लगाए जाने के कारण उत्तराखंड के धारचूला में फंस गए हैं.
दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों के तहत नेपाल सरकार ने अन्य देशों से अपने यहां आवाजाही पर लगे प्रतिबंध को और 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. शुरुआत में यह प्रतिबंध 23 मार्च से 29 मार्च तक के लिए लगाया गया था.
इन नेपाली मजदूरों को फिलहाल धारचूला के शमशान घाट में बने छप्पर में रखा गया है, जहां जिला प्रशासन उनकी देखरेख कर रहा है.
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने मीडिया को बताया कि 400 से 500 नेपाली मजदूर धारचूला क्षेत्र में फंसे हुए हैं. वे परंपरागत नेपाली पर्व में प्रतिभाग करने के लिए वहां जाना चाहते हैं, लेकिन नेपाल सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन के चलते उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं मिल पा रही है.
जोगदंडे ने बताया कि इस मसले पर नेपाल के अधिकारियों से बातचीत चल रही है और जल्द ही समस्या का कोई हल निकलेगा.
इस बारे में धारचूला के उप जिलाधिकारी एस.के. शुक्ल ने कहा कि अगर इनकी संख्या और बढ़ती है तो (आश्रय और भोजन की) मुश्किल पैदा हो सकती है.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में दैनिक कामगार के रूप में काम करने वाले ये नेपानी नागरिक वतन वापसी के लिए यहां धारचूला में एकत्र हुए हैं. लेकिन, नेपाल द्वारा सीमा से आवाजाही पर लगा प्रतिबंध और 10 दिनों के लिए बढ़ा दिए जाने के कारण सभी को यहां रुकना पड़ रहा है.
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उन्होंने बताया कि काली नदी पर बने पुल को भारत खोलने के लिए तैयार है, लेकिन नेपाली अधिकारी इसके खिलाफ हैं.
अधिकारी ने बताया कि इन सभी की प्राथमिक जांच की गई है और फिलहाल किसी में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं.