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देश में पिछले तीन साल में 25 लाख टन से अधिक ई-कचरा जमा हुआ - e waste generated

पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने संसद में बताया कि वर्ष 2017 से देश में 25 लाख टन ई-वेस्ट जमा हुआ है. यह ई-कचरा हर साल बढ़ता ही जा रहा है.

पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रीयो
पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रीयो
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Published : Sep 23, 2020, 9:55 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत में लगभग 24.94 लाख टन ई-कचरा उत्पन्न हुआ है. यह ई कचरा हर साल बढ़ता ही जा रहा है.

प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोक सभा को बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरे के 21 प्रकार के अधिसूचित बिक्री आंकड़ों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2017-18 से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कचरे का अनुमान लगाया है.

आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ई-कचरा अनुमानित 7,08,445 टन है, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7,71,215 टन और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 10,14,961.2 टन है.

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार ई-कचरा हर साल बढ़ता जा रहा है. सरकार ने ई-वेस्ट (प्रबंधन) नियमों 2016 के तहत देश भर में ई-कचरे के उत्पादन के आविष्कार का प्रावधान किया है.

उक्त नियमों के तहत ई-कचरे के निष्पादन की जिम्मेदारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रदूषण समितियों को सौंपी गई है.

सीपीसीबी के साथ सात एसपीसीबी गोवा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब के ने ई-कचरे के निष्पादन का कार्य पूरा कर लिया है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत में लगभग 24.94 लाख टन ई-कचरा उत्पन्न हुआ है. यह ई कचरा हर साल बढ़ता ही जा रहा है.

प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोक सभा को बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरे के 21 प्रकार के अधिसूचित बिक्री आंकड़ों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2017-18 से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कचरे का अनुमान लगाया है.

आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ई-कचरा अनुमानित 7,08,445 टन है, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7,71,215 टन और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 10,14,961.2 टन है.

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार ई-कचरा हर साल बढ़ता जा रहा है. सरकार ने ई-वेस्ट (प्रबंधन) नियमों 2016 के तहत देश भर में ई-कचरे के उत्पादन के आविष्कार का प्रावधान किया है.

उक्त नियमों के तहत ई-कचरे के निष्पादन की जिम्मेदारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रदूषण समितियों को सौंपी गई है.

सीपीसीबी के साथ सात एसपीसीबी गोवा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब के ने ई-कचरे के निष्पादन का कार्य पूरा कर लिया है.

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