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अम्फान : भारत दूसरे महाचक्रवात का सामना कर रहा है - एनडीआरएफ प्रमुख

एनडीआरएफ डीआईजी रणदीप राणा ने महाचक्रवात 'अम्फान' को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की सभी 30 टीमों के सदस्यों ने लोगों को पहले ही बता दिया है कि चक्रवात के समय कोविड-19 से कैसे निपटना है.

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Published : May 18, 2020, 11:37 PM IST

Updated : May 20, 2020, 3:48 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) डीआईजी रणदीप राणा ने महाचक्रवात 'अम्फान' को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की सभी 30 टीमों के सदस्यों ने लोगों को पहले ही बता दिया है कि चक्रवात के समय कोविड-19 से कैसे निपटना है.

राणा ने कहा कि एनडीआरएफ के सदस्य विभिन्न इलाकों में जा रहे हैं और जागरूकता पैदा कर रहे हैं. हम लोगों को चक्रवात के समय भी कोविड-19 से निपटने के लिए तैयार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि चक्रवात ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है.

राणा ने कहा कि अभी यह अत्यंत गंभीर चक्रवात की श्रेणी में है. धीरे-धीरे यह एक सुपर चक्रवात के रूप में विकसित हो जाएगा, जो कि चक्रवात की उच्चतम श्रेणी है. 20 मई को पश्चिम बंगाल में एक लैंडफॉल बनाने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि लैंडफॉल के समय चक्रवात की गति कम हो सकती है. राणा ने कहा कि इस चक्रवात से बहुत अधिक नुकसान की संभावना है. एनडीआरएफ की टीम को तटीय क्षेत्रों के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है.

चक्रवात लगभग 230 से 240 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में हो सकता है.

इधर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने कहा कि महाचक्रवात 'अम्फान' 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच पहुंचेगा.

प्रधान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनडीआरएफ इसे हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि भारत दूसरी बार इस तरह के चक्रवात का सामना कर रहा है.

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवाती तूफान होगा.

महानिदेशक ने कहा कि उनके बल ने चक्रवात से प्रभावित होने म वाले ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों के लिए 53 टीमों को तैयार रखा है.

उन्होंने कहा, 'यह एक दोहरी चुनौती है क्योंकि चक्रवात कोविड-19 महामारी के समय आ रहा है, हम सभी एहतियात बरत रहे हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) डीआईजी रणदीप राणा ने महाचक्रवात 'अम्फान' को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की सभी 30 टीमों के सदस्यों ने लोगों को पहले ही बता दिया है कि चक्रवात के समय कोविड-19 से कैसे निपटना है.

राणा ने कहा कि एनडीआरएफ के सदस्य विभिन्न इलाकों में जा रहे हैं और जागरूकता पैदा कर रहे हैं. हम लोगों को चक्रवात के समय भी कोविड-19 से निपटने के लिए तैयार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि चक्रवात ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है.

राणा ने कहा कि अभी यह अत्यंत गंभीर चक्रवात की श्रेणी में है. धीरे-धीरे यह एक सुपर चक्रवात के रूप में विकसित हो जाएगा, जो कि चक्रवात की उच्चतम श्रेणी है. 20 मई को पश्चिम बंगाल में एक लैंडफॉल बनाने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि लैंडफॉल के समय चक्रवात की गति कम हो सकती है. राणा ने कहा कि इस चक्रवात से बहुत अधिक नुकसान की संभावना है. एनडीआरएफ की टीम को तटीय क्षेत्रों के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है.

चक्रवात लगभग 230 से 240 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में हो सकता है.

इधर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने कहा कि महाचक्रवात 'अम्फान' 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच पहुंचेगा.

प्रधान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनडीआरएफ इसे हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि भारत दूसरी बार इस तरह के चक्रवात का सामना कर रहा है.

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवाती तूफान होगा.

महानिदेशक ने कहा कि उनके बल ने चक्रवात से प्रभावित होने म वाले ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों के लिए 53 टीमों को तैयार रखा है.

उन्होंने कहा, 'यह एक दोहरी चुनौती है क्योंकि चक्रवात कोविड-19 महामारी के समय आ रहा है, हम सभी एहतियात बरत रहे हैं.

Last Updated : May 20, 2020, 3:48 PM IST
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