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नवरात्र का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, माता बनाएंगी सभी बिगड़े काम - navratri festival

नवरात्र
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Published : Oct 18, 2020, 9:30 AM IST

Updated : Oct 18, 2020, 9:59 AM IST

09:28 October 18

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा आज

ा
फोटो

08:12 October 18

गृह मंत्री अमित शाह

बहूचर माता मंदिर गृह मंत्री पहुंचे अमित शाह

नवरात्र के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर के मनसा में बहूचर माता मंदिर पहुंचे यहां उन्होंने पूजा-अर्चन किया. 

06:47 October 18

नवरात्र विशेष

हैदराबाद : नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. यहां ब्रह्मा का मतलब तपस्या से है. शास्त्रों के मुताबिक ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण के वाली बताया गया है. मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमंडल है.  

शास्त्रों के अनुसार नारद जी के आदेशानुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने वर्षों तक तपस्या की. अंत में उनकी तपस्या सफल हुई. माता ब्रह्मचारिणी की कृपा से सिद्धी की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.  

मंत्र-

धाना करपाद्माभ्याम, अक्षमालाकमण्डलु।

देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा होगी. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके फल दूध और मेवा चढ़ाकर उनकी आरती करें. इससे घर में नियम, संयम, ब्रह्मचर्य का पालन और सत्यता आती है.

देवी ब्रह्मचारिणी को हरा रंग अत्‍यंत प्र‍िय है, इसल‍िए नवरात्र के दूसरे दिन हरे रंग का वस्‍त्र धारण करें. नवरात्र के दूसरे दिन मां को शक्‍कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें. इससे आयु वृद्धि होती है.

बता दें कि कोरोना संकट के बीच 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है. ऐसे में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आमतौर पर देखा गया है कि, कभी ये सात, तो कभी आठ दिन में समाप्त हो जाती है, लेकिन इस बार नवरात्री पूरे नौ दिनों की होगी, पूरे नौ दिन मां के नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा.

महाराष्ट्र

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण महाराष्ट्र में सभी उपासना स्थल बंद हैं और इसी के मद्देनजर श्रद्धालुओं के लिए तुलजापुर स्थित तुलजा भवानी मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है. उस्मानाबाद के कलेक्टर कौस्तुभ दिवेकर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

तुलजापुर औरंगाबाद से करीब 260 किलोमीटर दूर स्थित है.

अधिकारी ने कहा कहा नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.

उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए एक वेबलिंक के जरिए श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से पूजा में शामिल हो सकते हैं.

09:28 October 18

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा आज

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08:12 October 18

गृह मंत्री अमित शाह

बहूचर माता मंदिर गृह मंत्री पहुंचे अमित शाह

नवरात्र के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर के मनसा में बहूचर माता मंदिर पहुंचे यहां उन्होंने पूजा-अर्चन किया. 

06:47 October 18

नवरात्र विशेष

हैदराबाद : नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. यहां ब्रह्मा का मतलब तपस्या से है. शास्त्रों के मुताबिक ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण के वाली बताया गया है. मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमंडल है.  

शास्त्रों के अनुसार नारद जी के आदेशानुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने वर्षों तक तपस्या की. अंत में उनकी तपस्या सफल हुई. माता ब्रह्मचारिणी की कृपा से सिद्धी की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.  

मंत्र-

धाना करपाद्माभ्याम, अक्षमालाकमण्डलु।

देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा होगी. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके फल दूध और मेवा चढ़ाकर उनकी आरती करें. इससे घर में नियम, संयम, ब्रह्मचर्य का पालन और सत्यता आती है.

देवी ब्रह्मचारिणी को हरा रंग अत्‍यंत प्र‍िय है, इसल‍िए नवरात्र के दूसरे दिन हरे रंग का वस्‍त्र धारण करें. नवरात्र के दूसरे दिन मां को शक्‍कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें. इससे आयु वृद्धि होती है.

बता दें कि कोरोना संकट के बीच 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है. ऐसे में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आमतौर पर देखा गया है कि, कभी ये सात, तो कभी आठ दिन में समाप्त हो जाती है, लेकिन इस बार नवरात्री पूरे नौ दिनों की होगी, पूरे नौ दिन मां के नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा.

महाराष्ट्र

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण महाराष्ट्र में सभी उपासना स्थल बंद हैं और इसी के मद्देनजर श्रद्धालुओं के लिए तुलजापुर स्थित तुलजा भवानी मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है. उस्मानाबाद के कलेक्टर कौस्तुभ दिवेकर ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

तुलजापुर औरंगाबाद से करीब 260 किलोमीटर दूर स्थित है.

अधिकारी ने कहा कहा नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.

उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए एक वेबलिंक के जरिए श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से पूजा में शामिल हो सकते हैं.

Last Updated : Oct 18, 2020, 9:59 AM IST
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