नई दिल्ली: कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र जाना नेहरू की गलती थी. और जाना भी था, तो यूएन के जिस चैप्टर के तहत वहां गए, वह उससे भी बड़ी गलती थी. यह कहना है कि देश के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का. पूर्व कांग्रेस नेता सिंह ने साफ तौर पर कहा कि यह गलती नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन नेहरू ने माउंटबेटन के कहने पर ऐसा किया.
ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में नटवर सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर सही कदम उठाया. उनसे पहले कोई भी नेता ऐसा साहस नहीं दिखा सका.
प्रमुख बिंदु
- - नेहरू से गलती ये हुई कि हम चैप्टर 6 में चले गए. इस चैप्टर में विवाद के विषय उठाए जाते हैं. जबकि हमें चैप्टर सात के तहत जाना चाहिए था. इसके अधीन हमले से संबंधित विषय उठाए जाते हैं. क्योंकि पाकिस्तान ने हमला किया था, इसलिए हमें सात के तहत जाना चाहिए था. इसका मतलब ये भी है कि हमने खुद स्वीकार कर लिया कि कश्मीर विवादास्पद विषय है. यही उनकी गलती थी.
- - गांधी ने नेहरू के पत्र को देखा था. इसमें तीन विकल्प दिए गए थे. पहला था यह क्षेत्र भारत के साथ जा सकता है, दूसरा था यह क्षेत्र पाक के साथ जा सकता है. और तीसरा था कि इसे स्वतंत्र स्टेटस दिया जा सकता है. गांधी ने तीसरे विकल्प को काट दिया. अगल ये बिन्दु यूएन में चला गया होता, तो कश्मीर भारत का हिस्सा होता ही नहीं.
- - इमरान खान अच्छे क्रिकेटर हैं. अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन उन्हें राजनीति नहीं आती है.
- - धारा 370 हटाना सही कदम है. वैसे भी एक देश में दो संविधान, दो कानून कैसे हो सकता है. देश के दूसरे क्षेत्र के लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते थे. इसे हटना जरूरी था.
- -सेना प्रमुख को कश्मीर की स्थिति पर कोई बयान नहीं देना चाहिए. क्योंकि निर्णय हमेशा चुनी हुई सरकार लेती है.
- -कश्मीर के जो नेता बंद हैं, उन्हें छोड़ा जाएगा, तो वे जरूर कुछ न कुछ करेंगे. इसलिए सरकार को बड़ी हिफाजत से इस मामले को निपटान होगा.
- - यह सच्चाई है कि कश्मीरी पंडित अब वापस नहीं लौंटेंगे. इसकी वजह है कि वे लोग जहां अभी रह रहे हैं, वहा सेटल हो चुके हैं. व्यापार, धंधा, नौकरी, पढ़ाई शुरू कर चुके हैं.
- -कश्मीर हमारा है, हमारा रहेगा, पाकिस्तान कुछ भी बोले, इसका जवाब मत दो, नहीं तो वह अपने को हमारे बराबर मानने लगता है.
- -युद्ध करने से पहले पाकिस्तान को 1971 नहीं भूलना चाहिए.