नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन जहां भाजपा के द्वारा सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है, वहीं बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे को उठाने वाला युवा संगठन 'युवा हल्ला बोल' ने गुरुवार को देशभर में जुमला दिवस के रूप में मनाया. देशभर से आज युवाओं ने डिजिटल कैम्पेन के माध्यम से देश में बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में अपना रोष व्यक्त किया.
'युवा हल्ला बोल' आंदोलन की अपील पर इस दिन को युवाओं ने 'जुमला दिवस' की तरह मनाया तो कई अन्य युवा संगठनों और राजनीतिक दलों ने बेरोजगारी दिवस का आह्वान भी किया. 'युवा हल्ला बोल' आंदोलन से जुड़े अलग-अलग समूहों और बेरोजगार छात्रों ने कहा कि मोदी जी द्वारा युवाओं से किए गए वादे सिर्फ जुमले साबित हुए हैं. यही कारण है कि इस दिन को जुमला दिवस की तरह मनाकर बेरोजगारी के सवाल पर देश का ध्यान आकर्षित किया गया.
'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने कहा कि देश का विकास तभी संभव है जब इस भीषण बेरोजगारी को दूर करने के उपाय किए जाएंगे.
गुरुवार को पूरे दिन युवाओं में बेरोजगारी के मुद्दे पर भारी आक्रोश दिखा. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नई संविदा नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज की भी सूचना मिली. शहर के बालसन चौराहे पर युवा मंच के नेतृत्व में भारी संख्या में युवाओं ने संविदा नियमावली को वापस लेने की मांग की जिसके बाद उनपर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की खबर है. 'युवा हल्ला बोल' ने युवाओं पर हुई पुलिस की कार्रवाई पर रोष प्रकट किया है.
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'युवा हल्ला बोल' के नेशनल कॉर्डिनेटर गोविंद मिश्रा ने बताया कि संगठन के हेल्पलाइन पर छात्र और युवा लगातार संपर्क करके अपनी व्यथा और पीड़ा साझा कर रहे हैं. कई तरह की सरकारी भर्तियां हैं जिनमें या तो विज्ञापन नहीं निकलता, या परीक्षा नहीं होती या धांधली गड़बड़ी हो जाती है, या परिणाम नहीं निकलता या फिर समय पर नियुक्ति नहीं मिलती. लेकिन अफसोस कि बात है कि सरकार इन प्रक्रियायों को सुधारने के प्रति गंभीर नहीं है. उल्टा रोजगार के अवसरों में कटौती करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं. 'युवा हल्ला बोल' इन मुद्दों को आगे भी मजबूती से उठाकर न्याय की लड़ाई लड़ता रहेगा.
गौरतलब है कि विपक्ष भी लगातार रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रही है और अब सामाजिक संगठन भी आवाज उठा रहे हैं.