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नेशनल शूटर ने लिखी किताब 'द लॉकडाउन', बताईं रोचक बातें - लॉकडाउन पर किताब

लॉकडाउन के समय कई लोग खाली समय का सदुपयोग कर रहे हैं. कोई एप बना रहा है तो कोई मशीन. हर कोई अपने स्तर पर अपनी प्रतिभा को निखारने में लगा है. इसी तरह नेशनल शूटर सौरभ अग्रवाल ने लॉकडाउन के बीच एक किताब लिख डाली, जिसका शीर्षक ही लॉकडाउन है. सौरभ ने ईटीवी भारत से बातचीत की और अपनी किताब के बारे में बताया.

national shooter saurabh agrawal
सौरभ अग्रवाल
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Published : May 8, 2020, 8:16 PM IST

रायपुर : कोरोना संक्रमण को लेकर 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन है. इसके चलते स्कूल, कॉलेज से लेकर सब बंद पड़े हैं. ऐसे में लोग अपने घरों पर हैं. इस बीच कई लोग इस खाली समय का सदुपयोग कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं. इसी दौरान छत्तीसगढ़ के शूटर सौरभ अग्रवाल ने द लॉक डाउन नाम की किताब लिख डाली.

सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और वह चार बार गोल्ड मेडिलिस्ट भी रह चुके हैं. उन्होंने किताब का नाम 'द लॉक डाउन' है. सौरभ ने कहा कि वह इस समय घर में रहकर समय का सही इस्तेमाल करते हुए कुछ अनोखा करना चाहते थे. इसिलए उन्होंने किताब लिखने के बारे में सोचा.

इससे पहले भी मनुष्य लॉकडाउन से गुजर चुका है- सौरभ
ईटीवी भारत से बातचीत में सौरभ अग्रवाल ने अपनी किताब के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह किसी भी मनुष्य का पहला लॉकडाउन नहीं है. हर व्यक्ति अपने जीवन के अलग-अलग दौर में लॉकडाउन से गुजरता है. उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि जब एक महिला गर्भवती होती है तो आखिरी महीने में उसका घर से बाहर निकलना, बाहर का खाना-पीना सबकुछ बंद हो जाता है. बच्चे को जन्म देने के कुछ दिनों तक भी वह घर में रहती है और बाहर नहीं निकलती. तो यह भी एक तरह से लॉकडाउन है.

इसके आगे सौरभ अग्रवाल ने एक और उदाहरण दिया कि जब कोई छात्र परीक्षा की तैयारी करता है तो वह भी खुद को सबसे दूर कर लेता है, जिससे उसका पढ़ाई में ध्यान लगा रहे. परीक्षा के कुछ महीने पहले छात्र न तो घर के बाहर बेवजह निकलते हैं और न ही किसी से मिलते हैं, तो यह भी एक तरह से छात्र जीवन में लॉकडाउन है. इन्हीं सब चीजों को लेकर सौरभ अग्रवाल ने एक किताब लिखी है.

लॉकडाउन के बाद बाजारों में आएगी किताब
सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और स्टेट चैंपियन भी हैं. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि अभी फिलहाल बुक छपने की प्रक्रिया में है. लॉकडाउन खुलते ही किताब बाजारों में आ जाएगी.

पढ़ें-जम्मू कश्मीर : कठुआ में वेतन न मिलने पर मजदूरों ने की तोड़फोड़

रायपुर : कोरोना संक्रमण को लेकर 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन है. इसके चलते स्कूल, कॉलेज से लेकर सब बंद पड़े हैं. ऐसे में लोग अपने घरों पर हैं. इस बीच कई लोग इस खाली समय का सदुपयोग कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं. इसी दौरान छत्तीसगढ़ के शूटर सौरभ अग्रवाल ने द लॉक डाउन नाम की किताब लिख डाली.

सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और वह चार बार गोल्ड मेडिलिस्ट भी रह चुके हैं. उन्होंने किताब का नाम 'द लॉक डाउन' है. सौरभ ने कहा कि वह इस समय घर में रहकर समय का सही इस्तेमाल करते हुए कुछ अनोखा करना चाहते थे. इसिलए उन्होंने किताब लिखने के बारे में सोचा.

इससे पहले भी मनुष्य लॉकडाउन से गुजर चुका है- सौरभ
ईटीवी भारत से बातचीत में सौरभ अग्रवाल ने अपनी किताब के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह किसी भी मनुष्य का पहला लॉकडाउन नहीं है. हर व्यक्ति अपने जीवन के अलग-अलग दौर में लॉकडाउन से गुजरता है. उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि जब एक महिला गर्भवती होती है तो आखिरी महीने में उसका घर से बाहर निकलना, बाहर का खाना-पीना सबकुछ बंद हो जाता है. बच्चे को जन्म देने के कुछ दिनों तक भी वह घर में रहती है और बाहर नहीं निकलती. तो यह भी एक तरह से लॉकडाउन है.

इसके आगे सौरभ अग्रवाल ने एक और उदाहरण दिया कि जब कोई छात्र परीक्षा की तैयारी करता है तो वह भी खुद को सबसे दूर कर लेता है, जिससे उसका पढ़ाई में ध्यान लगा रहे. परीक्षा के कुछ महीने पहले छात्र न तो घर के बाहर बेवजह निकलते हैं और न ही किसी से मिलते हैं, तो यह भी एक तरह से छात्र जीवन में लॉकडाउन है. इन्हीं सब चीजों को लेकर सौरभ अग्रवाल ने एक किताब लिखी है.

लॉकडाउन के बाद बाजारों में आएगी किताब
सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और स्टेट चैंपियन भी हैं. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि अभी फिलहाल बुक छपने की प्रक्रिया में है. लॉकडाउन खुलते ही किताब बाजारों में आ जाएगी.

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