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पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन

नई दिल्ली में आज पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा पराली प्रबंधन था. किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पढ़ें पूरी खबर...

पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन
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Published : Sep 9, 2019, 11:09 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:48 AM IST

नई दिल्ली: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिल्ली में आज पराली प्रबंधन को लेकर किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस आयोजन में पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली के 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया लेकिन अधिकतम उपस्थिति पंजाब की थी. पराली प्रबंधन इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था.

इस सम्मेलन में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं , मसलन कस्टम हायरिंग सेंटर, अनुदान के बारे में बताया गया.

किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पराली प्रबंधन को लेकर कहा कि राष्ट्रीय स्तर का अधिवेशन इसलिए बुलाया गया है , इसके जरिए किसानों में जागरुकता लाना है.

national-conference-on-crop-residue-burning-organised-in-delhi
पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन

उन्होंने कहा कि पराली जलाने से प्रर्यावरण को नुकसान होता है लेकिन इससे ज्यादा खुद के खेत को ज्यादा नुकसान होता है. साथ ही दूसरे फसल के लिए अपनी जमीन को तैयार करने के लिए ये जलाने का काम शुरु हो गया था लेकिन बाद में इसने विकृत स्वरुप ले लिया था. अब जैसे ही सरकार ने इस समस्या के हल में रुचि लेना शुरु किया है तो इससे कई किसानों को भी फायदा हुआ है.

पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन

कई किसानों ने खुद के साथ-साथ पूरे गांव को पराली जलाने से मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा इस सम्मेलन का मकसद पूरे देश के किसानों को यह संदेश देना है कि आने वाले समय में पूरे देश में पराली जलाने से मुक्त वातावरण को खड़ा करना है.

पढ़ें: राजस्थान : बाबा रामदेव के मंदिर से लौट रही थीं 3 महिलाएं, पिकअप ने रौंदा, CCTV में कैद घटना

उन्होंने कस्टम हाइरिंग सेंटर पर कहा कि हमारे यांत्रिकी विभाग की ओर से मशीनों की बैंक लगाए जा रहा है. ये मुख्य रुप से उन किसानों के लिए है जिनके पास खुद का अगर कोई यंत्र नही है तो वह किसान कस्टम हाइरिंग सेंटर जरुरतमंद यंत्र ले सकते हैं.

नई दिल्ली: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिल्ली में आज पराली प्रबंधन को लेकर किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस आयोजन में पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली के 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया लेकिन अधिकतम उपस्थिति पंजाब की थी. पराली प्रबंधन इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था.

इस सम्मेलन में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं , मसलन कस्टम हायरिंग सेंटर, अनुदान के बारे में बताया गया.

किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पराली प्रबंधन को लेकर कहा कि राष्ट्रीय स्तर का अधिवेशन इसलिए बुलाया गया है , इसके जरिए किसानों में जागरुकता लाना है.

national-conference-on-crop-residue-burning-organised-in-delhi
पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन

उन्होंने कहा कि पराली जलाने से प्रर्यावरण को नुकसान होता है लेकिन इससे ज्यादा खुद के खेत को ज्यादा नुकसान होता है. साथ ही दूसरे फसल के लिए अपनी जमीन को तैयार करने के लिए ये जलाने का काम शुरु हो गया था लेकिन बाद में इसने विकृत स्वरुप ले लिया था. अब जैसे ही सरकार ने इस समस्या के हल में रुचि लेना शुरु किया है तो इससे कई किसानों को भी फायदा हुआ है.

पराली प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का हुआ आयोजन

कई किसानों ने खुद के साथ-साथ पूरे गांव को पराली जलाने से मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा इस सम्मेलन का मकसद पूरे देश के किसानों को यह संदेश देना है कि आने वाले समय में पूरे देश में पराली जलाने से मुक्त वातावरण को खड़ा करना है.

पढ़ें: राजस्थान : बाबा रामदेव के मंदिर से लौट रही थीं 3 महिलाएं, पिकअप ने रौंदा, CCTV में कैद घटना

उन्होंने कस्टम हाइरिंग सेंटर पर कहा कि हमारे यांत्रिकी विभाग की ओर से मशीनों की बैंक लगाए जा रहा है. ये मुख्य रुप से उन किसानों के लिए है जिनके पास खुद का अगर कोई यंत्र नही है तो वह किसान कस्टम हाइरिंग सेंटर जरुरतमंद यंत्र ले सकते हैं.

Intro:A national conference of farmers on crop residue management was organised today in Delhi by the Ministry of Agriculture and farmers welfare. More than 1000 farmers from Punjab, Haryana, UP and Delhi attended the event but maximum attendence was from Punjab and it's neighboring state Haryana where crop residue burning is a major issue.
More than 4500 villages of Punjab and Haryana have been declared as zero burning villages after the initiatives launched by the ministry.


Body:The union minister of state for agriculture and farmers welfare Pusrhottam Rupala appreciated the efforts of farmers in bringing down the incidents of crop residue burning and requested for further support and ideas from farmers to ensure zero burning in all the villages of these four states.
Earlier to support the efforts of the state governments to address the issue of pollution caused due to residue burning , the ministry had made a budgetary allocation of 1151.80 crores for in-situ management of crop residue through agriculture mechanization.
Apart from subsidy on agricultural implements, the ICAR has been running awareness programs in villages of Punjab, Haryana, Uttar Pradesh and NCT of Delhi.
The farmers with small land holdings who can not buy these machineries for crop residue management can get them to their fields through 7960 custom hiring centers.
As per the data made available by the Indian Council for agricultural research, the incidents of crop residue burning have reduced by 15% and 41% as compared to that in year 2017 and 2016 respectively.
During the event a mobile app named 'CHC Farm Machinery's for the farmers to avail the custom hiring services located in the radius of 20 kilometers was also launched by the Union minister of state for Agriculture and Farmers welfare.
As many as 20 farmers from four states were honoured for their valuable contribution in management of crop residue by using identified agricultural machinery and also motivating other farmers of their village for practicing the same.


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:48 AM IST
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