नई दिल्ली: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिल्ली में आज पराली प्रबंधन को लेकर किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस आयोजन में पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली के 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया लेकिन अधिकतम उपस्थिति पंजाब की थी. पराली प्रबंधन इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था.
इस सम्मेलन में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं , मसलन कस्टम हायरिंग सेंटर, अनुदान के बारे में बताया गया.
किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने पराली प्रबंधन को लेकर कहा कि राष्ट्रीय स्तर का अधिवेशन इसलिए बुलाया गया है , इसके जरिए किसानों में जागरुकता लाना है.
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से प्रर्यावरण को नुकसान होता है लेकिन इससे ज्यादा खुद के खेत को ज्यादा नुकसान होता है. साथ ही दूसरे फसल के लिए अपनी जमीन को तैयार करने के लिए ये जलाने का काम शुरु हो गया था लेकिन बाद में इसने विकृत स्वरुप ले लिया था. अब जैसे ही सरकार ने इस समस्या के हल में रुचि लेना शुरु किया है तो इससे कई किसानों को भी फायदा हुआ है.
कई किसानों ने खुद के साथ-साथ पूरे गांव को पराली जलाने से मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा इस सम्मेलन का मकसद पूरे देश के किसानों को यह संदेश देना है कि आने वाले समय में पूरे देश में पराली जलाने से मुक्त वातावरण को खड़ा करना है.
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उन्होंने कस्टम हाइरिंग सेंटर पर कहा कि हमारे यांत्रिकी विभाग की ओर से मशीनों की बैंक लगाए जा रहा है. ये मुख्य रुप से उन किसानों के लिए है जिनके पास खुद का अगर कोई यंत्र नही है तो वह किसान कस्टम हाइरिंग सेंटर जरुरतमंद यंत्र ले सकते हैं.