जयपुर : राजस्थान की राजधानी में स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब जल्द ही कोरोना सैंपल की जांच शुरू करेगा. यह कोरोना की जांच करने वाला देश का पहला आयुर्वेद संस्थान होगा. जांच के लिए संस्थान ने एक अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब तैयार की है, जहां सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से जुड़ी जांच भी हो सकेगी. इसे आयुर्वेद संस्थान पीपीपी मोड पर चलाएगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने अपने स्तर पर एक अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब तैयार की है, जहां एक बार में करीब पांच हजार कोरोना सैंपल की जांच संभव हो सकेगी. इसे 95 लाख रुपये की लागत से तैयार कराया गया है. कोरोना टेस्टिंग को लेकर आयुर्वेद संस्थान ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से अनुमति मांगी थी.
आईसीएमआर ने आयुर्वेद संस्थान से माइक्रोबायोलॉजी लैब विकसित करने की बात कही, जो अब बन चुकी है. इस अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब में आने वाले तीन से चार दिन के अंदर कोरोना और अन्य बीमारियों से जुड़ी जांचें शुरू हो सकेंगी.
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राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक डॉक्टर संजीव शर्मा ने यह भी बताया कि इस माइक्रोबायोलॉजी लैब को पीपीपी मोड पर शुरू किया गया है, जहां कोरोना के अलावा अन्य बड़ी बीमारियों की जांच भी आसानी से हो सकेगी. वहीं आयुर्वेद संस्थान में एनएबीएल यानी राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड से प्रमाणित यह देश की पहली लैब होगी.
डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि एनएबीएल से तो सर्टिफिकेशन लैब को मिल चुका है और आने वाले दो से चार दिनों में आईसीएमआर को भी पत्र लिखा जाएगा. जैसे ही आईसीएमआर से जांच की अनुमति मिलती है वैसै ही राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में कोरोना की जांच शुरू कर दी जाएगी.