नई दिल्ली: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने भाजपा के संकल्प पत्र को मात्र एक जुमला करार दिया है. भाजपा ने वादे 2014 में भी किए थे, जो अभी तक लागू नहीं हो पाए हैं. रोजमर्रा के उपयोग के सामानों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
ईटीवी भारत ने CPI नेता प्रोफेसर दिनेश वार्ष्णेय से बात की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था बुरे दौर में है. सिस्टम में कोई पारदर्शिता नहीं बची है. भाजपा ने भ्रष्टाचार को दूर करने का वादा किया था, लेकिन अभी भी व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार है. भाजपा इस देश के लिए कल्याणकारी सरकार के रूप में काम करने में विफल रही है.
भाजपा ने एक साल के लिए लिए गए पांच लाख तक के ऋण पर 0% ब्याज का वादा किया है. इस पर टिप्पणी करते हुए वार्ष्णेय ने कहा कि यह एक अच्छी योजना होगी यदि इसे लागू किया जाता है, लेकिन भाजपा के ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर मुझे इसमें संदेह है.
वार्ष्णेय ने कहा कि उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत योजना के साथ अतीत में भी इस तरह के रूखे वादे किए गए हैं. उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना में 85% महिलाएं रिफिलिंग के लिए वापस नहीं आ सकीं.
पढ़ें:टेरर फंडिग मामले में NIA के समक्ष पेश हुए अलगाववादी नेता मीरवाइज
राम मंदिर और धारा 370 का मुद्दा जो भाजपा ने 2014 के मैनिफैस्टो में भी शामिल किया था. इस बार भी दोनों मुद्दे शामिल किए गए हैं. इस पर बात करते हुए वार्ष्णेय ने कहा कि राम मंदिर एक बहुत पुराना मुद्दा है. भाजपा हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने के लिए इसका प्रयोग करती आई है.
वार्ष्णेय ने कहा कि जहां तक आर्टिकल 370 का सवाल है, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीपी) के साथ गठबंधन की सरकार में रहते हुए बीजेपी ने कहा था कि धारा 370 को निरस्त नहीं किया जा सकता, भाजपा इस मुद्दे को सिर्फ वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रही है.