न्यूयार्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी कंपनियों से भारत में निवेश का आह्वान किया है. उन्होंने ब्लूमबर्ग के बिजनेस फोरम में भाग लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक क्षेत्र के फैसलों का जिक्र किया और कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें
- नवीकरणीय ऊर्जा के 175 गीगावाट के लक्ष्य में से 120 गीगावाट हासिल कर लिया गया; निकट भविष्य में 450 गीगावाट का लक्ष्य
- अमेरिकी उद्योग जगत से मोदी ने कहा, आपकी इच्छाएं और हमारे सपने पूरी तरह से मेल खाते हैं; आपकी प्रौद्योगिकी और हमारी प्रतिभा दुनिया को बदल सकती है.
- भारत को पिछले पांच साल में 286 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है, जो इससे पिछले 20 सालों में मिले एफडीआई का आधा है.
- भारत में जारी रहेगी कर सुधार की प्रक्रिया
- लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता, सुनिश्चित नीति, स्वतंत्र न्यायपालिका निवेश को गारंटी देती हैं.
- हमने पांच साल में अर्थव्यवस्था में 1,000 अरब डालर जोड़े हैं.
- अब हम भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
- यदि आप रीयल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये; भारत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भारी-भरकम निवेश कर रहा है.
- कॉरपोरेट कर में कटौती निवेश आमंत्रित करने वाला कदम.
- यदि आप बड़े बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये.
बुधवार को न्यूयॉर्क में ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के बड़े औद्योगिक घरानों को भारत में निवेश के लिये आमंत्रित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि कंपनी कर की दरों में भारी कटौती से उनके लिये निवेश का यह सुनहरा अवसर है. उन्होंने देश में कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए और उपाय करने का भी वादा किया. मोदी ने कहा कि भारत ने देश में निवेश के लिए बेहतर अवसर सृजित किये हैं.
भारत का रूख करने की अपील
उन्होंने प्रमुख कंपनियों के दिग्गजों से कहा, 'यदि आप दुनिया के बड़े बाजारों में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये... यदि आप स्टार्टअप में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये... यदि आप दुनिया के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा तंत्रों में से एक में निवेश करना चाहते हैं तो भारत का रुख कीजिये.'
भारत दुनिया की बराबरी पर
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर को करीब 35 प्रतिशत से घटाकर 25.17 प्रतिशत पर ला दिया. इससे कराधान के मोर्चे पर भारत प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की बराबरी पर आ गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से अपने शहरों का आधुनिकीकरण कर रहा है और उन्हें नवीन तकनीक और नागरिक अनुकूल आधारभूत संरचना से लैस कर रहा है. उन्होंने कहा, 'इसलिए यदि आप शहरीकरण में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये.'
उन्होंने कहा कि भारत ने अपने रक्षा उद्योग के दरवाजों को इस तरह से खोला है जैसा पहले कभी नहीं किया गया और क्षेत्र में निवेश भी आमंत्रित किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक ऐसी सरकार है जो कारोबारी जगत का स्वागत करती है और धन सृजन को अहमियत देती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए बड़े और कड़े फैसले किए हैं.
मोदी ने कहा , ' मैं आपको बताना चाहता हूं कि नई सरकार को अभी सिर्फ तीन - चार महीने हुए हैं. मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यह सिर्फ एक शुरुआत है. अभी बहुत लंबी दूरी तय करनी है. इस यात्रा में हम वैश्विक कारोबारी समुदाय के साथ साझेदारी चाहते हैं. यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है.
बता दें कि कारोबारी धारणा को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए 50 कानून को निरस्त भी किया है. प्रधानमंत्री एक सप्ताह की अमेरिका की यात्रा पर यहां पहुंचे हैं. और इस दौरान उन्होंने कई कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से भेंट कर रहे हैं.
प्राकृतिक संसाधनों पर ध्यान
संबोधन के बाद प्रश्न-उत्तर सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को कहा कि उनकी सरकार कोयले से गैस बनाने (गैसीफिकेशन) की तौर - तरीकों और प्रौद्योगिकी पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि देश अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पर्यावरण अनुकूल तरीकों से कर सके.
मोदी ने कहा , 'यह सही है कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार भारत में है. भारत जैसे गरीब देश में , हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके लिए समाधान ढूंढा जा सकता है. '
सत्र के दौरान, ब्लूमबर्ग के प्रमुख माइकल ब्लूमबर्ग ने मोदी से पूछा कि देश में जलाए जाने वाले कोयले की मात्रा को कम करने के लिए भारत की क्या योजना है?
ब्लूमबर्ग को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा , 'एक समाधान कोयला गैसीफिकेशन (कोयले से गैस बनाने की प्रक्रिया) है. इस प्रक्रिया को करके हम स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं. हम अन्य देशों को कोयले से गैस बनाने में उपयोग होने वाली तकनीकी के साथ आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.'
मोदी ने कहा, 'हम भारत के पास मौजूद संसाधनों और संपत्तियों से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं, लेकिन हम इस पर विचार कर रहे हैं कि इन परिसंपत्तियों का उपयोग कैसे पर्यावरण अनुकूल तरीके से किया जा सकता है.'
(एक्सट्रा इनपुट-पीटीआई)