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झेलम पर पुल निर्माण की अड़चनें दूर, मुस्लिम समुदाय मस्जिद गिराने पर सहमत

झेलम नदी पर लंबे समय से पुल का काम लंबित था. लेकिन पुल के निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय ने 40 साल पुरानी मस्जिद गिराने के लिए सहमति व्यक्त कर दी है. अब 2002 से लंबित कार्य पूरा हो पाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

mosque demolition in JK
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Dec 22, 2019, 7:57 PM IST

श्रीनगर : झेलम नदी पर बहुप्रतीक्षित पुल के निर्माण में आ रहीं अड़चनें दूर हो गईं, जब मुस्लिम समुदाय ने 40 साल पुरानी एक मस्जिद को गिराए जाने पर सहमति व्यक्त कर दी.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मस्जिद और कुछ आवासीय तथा वाणिज्यिक संरचनाओं की मौजूदगी समेत कुछ अड़चनों के कारण 2002 से परियोजना का काम लंबित था.

उन्होंने बताया कि कमरवारी के रामपुरा क्षेत्र में श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद अबू तुराब की प्रबंध समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के 24 घंटे बाद शनिवार को मस्जिद गिराने का काम शुरू हुआ.

यह दूसरा उदाहरण है, जब उपायुक्त चौधरी के प्रयासों से महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर रुके काम को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

शाहिद इकबाल चौधरी ने इस महीने की शुरुआत में श्रीनगर को बारामूला से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए जैनाकोट में ऐतिहासिक दमदमा साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन से सफल बातचीत की थी.

अधिकारियों ने बताया कि जिला विकास आयुक्त ने प्रमुख भूमि अधिग्रहण मुद्दे के समाधान के लिए मस्जिद प्रबंधन के साथ कई बैठकें कीं.

पढ़ें-72 साल बाद खोला गया पाकिस्तान में ये गुरुद्वारा, विभाजन के बाद से था बंद

उन्होंने बताया कि सरकार और मस्जिद प्रबंधन के बीच समझौता हुआ है, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से मस्जिद के पुनर्निर्माण की पूरी लागत वहन करने और 12 महीने के भीतर इसे पूरा किए जाने का प्रस्ताव शामिल है.

अधिकारियों ने बताया कि 10 करोड़ रुपये की लागत वाली यह पुल परियोजना 2002 में शुरू हुई थी, लेकिन अधिग्रहण और अड़चनों को दूर करने समेत कई मुद्दों के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका था.

श्रीनगर : झेलम नदी पर बहुप्रतीक्षित पुल के निर्माण में आ रहीं अड़चनें दूर हो गईं, जब मुस्लिम समुदाय ने 40 साल पुरानी एक मस्जिद को गिराए जाने पर सहमति व्यक्त कर दी.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मस्जिद और कुछ आवासीय तथा वाणिज्यिक संरचनाओं की मौजूदगी समेत कुछ अड़चनों के कारण 2002 से परियोजना का काम लंबित था.

उन्होंने बताया कि कमरवारी के रामपुरा क्षेत्र में श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद अबू तुराब की प्रबंध समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के 24 घंटे बाद शनिवार को मस्जिद गिराने का काम शुरू हुआ.

यह दूसरा उदाहरण है, जब उपायुक्त चौधरी के प्रयासों से महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर रुके काम को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

शाहिद इकबाल चौधरी ने इस महीने की शुरुआत में श्रीनगर को बारामूला से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए जैनाकोट में ऐतिहासिक दमदमा साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन से सफल बातचीत की थी.

अधिकारियों ने बताया कि जिला विकास आयुक्त ने प्रमुख भूमि अधिग्रहण मुद्दे के समाधान के लिए मस्जिद प्रबंधन के साथ कई बैठकें कीं.

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उन्होंने बताया कि सरकार और मस्जिद प्रबंधन के बीच समझौता हुआ है, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से मस्जिद के पुनर्निर्माण की पूरी लागत वहन करने और 12 महीने के भीतर इसे पूरा किए जाने का प्रस्ताव शामिल है.

अधिकारियों ने बताया कि 10 करोड़ रुपये की लागत वाली यह पुल परियोजना 2002 में शुरू हुई थी, लेकिन अधिग्रहण और अड़चनों को दूर करने समेत कई मुद्दों के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका था.

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JK: Muslims agree to demolition of 40-yr-old mosque for long-awaited bridge on Jhelum
         Srinagar, Dec 22 (PTI) In an exemplary act, the Muslim community here has agreed to the demolition of a 40-year-old mosque to allow the completion of a long-awaited bridge over Jhelum river, officials said on Sunday.
         They said the project has been pending since 2002 due to some bottlenecks including the presence of the mosque and some residential and commercial structures.         The demolition of the mosque began on Saturday, 24 hours after the signing of an agreement between Srinagar District Development Commissioner Shahid Iqbal Choudhary and the Managing Committee of Masjid Abu Turab at Qamarwari's Rampora area, they said.
         This is a second instance when the efforts of the deputy commissioner paved the way for resumption of stalled work on vital projects.
         Earlier this month, he had successfully negotiated with the management of the historic Damdama Sahib Gurdwara at Zainakote, enabling resumption of expansion work on the Srinagar-Baramulla National Highway.
         The officials said the district development commissioner held a series of meetings with the mosque management to resolve the major land acquisition issue, preventing the completion of the 166-metre two-lane bridge connecting Qamarwari with Noorbagh in the city.
         The agreement reached between the government and the mosque management includes among others an offer from the district administration to bear all cost of the reconstruction of the mosque and its completion within 12 months, the officials said.
         They said that the Rs 10-crore bridge project was started in 2002 but could not be completed because of issues surrounding such acquisition and removal of bottlenecks.
         In spite of funding of over Rs 2.5 crore through the Jammu and Kashmir Infrastructure Development Finance Corporation (JKIDFC) in 2018, covering cost escalation to complete the project, the work remained stalled because of a total of 18 bottlenecks including the presence of the mosque, the officials said.
         "Now that this main bottleneck in the completion of the project is sorted out, the work will be resumed and completed at the earliest," Choudhary said.
         He said a plan has also been finalised for relocation of other bottlenecks which includes a fire station and 16 residential and commercial structures.
         He said alongside construction of the said bridge, the district administration would undertake flood protection and beautification works along Jhelum and repair adjacent roads and install smart lighting in the area. PTI SKL
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