नई दिल्ली : विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने मंगलवार को केरल के पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग बहनों के साथ यौन दुष्कर्म मामले की पुनः जांच की मांग की है. इस मामले में केरल की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को आरोपियों को बरी कर दिया था. इसके चलते मंत्री ने पुनः जांच की मांग की है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच कर रही टीम ने राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों को जाने दिया, जो कि सीपीएम कार्यकर्ता हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले में दोबारा जांच होनी चाहिए.
इस बारे में मुरलीधरन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष से भी मुलाकात की और मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि यह घटना जिस जिले में घटी थी, उस जिले के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का अध्यक्ष भी सीपीएम नेता था. यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि ऐसे मामले के आरोपी को चाइल्ड वेलफेयर के कमेटी के अध्यक्ष द्वारा संरक्षित किया जा रहा है.
मुलरलीधरन ने कहा कि मैने राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग से अनुरोध किया कि वे मामले से जुड़े हुए सदस्यों के पहलुओं पर गौर करें. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले को आयोग के संज्ञान में ला दिया है और मुझे उम्मीद है अयोग इस पर ध्यान देगा.
आपको बता दें, इन हत्याओं के लिए वी मधु, शिबु और एम मधु को दोषी पाया गया और पुलिस ने उन्हें जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया था.
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गौरतलब है केरल की एक अदालत ने सोमवार यानि 26 अक्टूबर को दो नाबालिग लड़कियों की मौत और यौन उत्पीड़न मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था. दोनों लड़कियों की हत्या दो साल पहले उस समय कर दी गई थी, जब उनकी उम्र महज 13 और नौ साल थी. अदालत ने आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.
केरल के पलक्कड़ जिले में जनवरी 2017 में बड़ी लड़की ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि छोटी लड़की लगभग दो माह बाद मृत पाई गई थी. पोस्टमार्टम जांच में पाया गया है कि दोनों लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है.