लखनऊ : मुनव्वर राना की शायरी ने कभी हिंदू-मुस्लिम या अपना-पराया नहीं देखा. बीते पांच वर्षों को छोड़ दें, तो 'मां' पर कलाम लिखकर देश-दुनिया में शोहरत कमाने वाले इस बेहतरीन शायर पर कभी अंगुली नहीं उठी. उन्होंने करोड़ों दिलों को जीता. लोगों ने उन्हें सिर-आंखों पर बिठाया. अचानक 70 साल की इस उम्र में ऐसा क्या हुआ कि दो ध्रुवों में बंटते जा रहे समाज में मुनव्वर राना एक ओर खड़े नजर आने लगे.
ईटीवी भारत को दिया साक्षात्कार
ईटीवी भारत को दिए गए विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि देश में विपक्ष की कमर टूट चुकी है. सत्ता में बैठ लोग हिन्दू-मुस्लिम कर रहे हैं. उन्होंने कहा जब उनसे पूछो तो वह कहेंगे की बाबर ने ये कर दिया, नेहरू ने गलती कर दी. उन्होंने कहा कि इस देश में गोडसे के विचारों से प्रभावित लोग बहुत हैं. गांधी को मानने वाले कम हो गए हैं.
फ्रांस की घटना पर दिया था विवादित बयान
पिछले दिनों फ्रांस में हुई हिस्ट्री टीचर की हत्या पर उन्होंने विवादित बयान दिया था. मुनव्वर राना ने अपने विवादित बयान में कहा था कि अगर कोई उनके माता-पिता या भगवान का गंदा कार्टून बनाता है, तब वे भी उसकी हत्या कर देंगे. मशहूर शायर ने कहा था कि जिसने भी पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाया, उसने ऐसा करके गलत किया.
चौतरफा घिरने के बाद पेश की सफाई
वहीं, अपने बयान को लेकर चौतरफा घिरने के बाद मुनव्वर राना ने सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि इस समय फ्रांस में जो कुछ भी हो रहा है, सब गलत है. इस्लामी मजहब से छेड़छाड़ करने वाला कार्टून बनाना भी गलत था और उस कार्टूनिस्ट या शिक्षक को मारने वाली घटना भी गलत है. फ्रांस के कानून के मुताबिक जो भी सजा हो वह उन्हें मिले. ऐसे में फ्रांस के लोगों को भी सोचना चाहिए कि अगर कुछ गलत हुआ है तो उसके बदले अन्य समुदाय के लोग गलत न करें. देश में मजहबी भावनाओं की कद्र होनी चाहिए.