नई दिल्ली : लोकसभा के अंदर अपने भाषणों के लिए सदैव चर्चा में रहने वाले पंजाब के लोकप्रिय सांसद भगवंत मान दिल्ली विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर चुके हैं. वहीं बीजेपी प्रत्याशी संजय सिंह ने विकासपुरी में रोड शो किया. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने संजय सिंह से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब दिल्ली में आप की सरकार आई थी, तो उन्होंने दिल्ली को पेरिस बनाने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में किया कुछ भी नहीं.
बीजेपी प्रत्याशी संजय सिंह ने दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए कहा की बरसात के दिनों में गलियों और सड़कों पर इतना कीचड़ हो जाता है कि आम जनता उसमें अच्छे से धान की रोपाई तक कर सकती है. यह देख कर लगता है कि दिल्ली सरकार के लिए कीचड़ में धान की रोपाई करना ही विकास का कार्य है.
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों को नर्क बना दिया है, जिसमें लोगों को विकास के नाम पर फ्री बिजली, फ्री बस यात्रा और पानी दिया जा रहा है. यह सिर्फ महज एक चुनावी हथकंडा है.
बता दें भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह ने यह दावा भी किया है कि जैसे लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सवा लाख वोटों से हारी थी. वैसे ही इस बार भी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा.
वहीं भगवंत मान ने रविवार को एक के बाद एक लगातार तीन विधानसभा क्षेत्रों के अंदर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किया. उन्हें लोगों की तरफ से समर्थन भी मिला. साथ ही लोगों ने फूल माला पहनाकर पंजाब के सांसद का स्वागत भी किया.
वहीं रोड शो के दौरान आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं समेत आम जनता भी सड़कों पर भगवंत मान को देखने और उनके साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए उत्सुक दिखी.
इस बार 70 सीटों पर होगी विजय
ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान सांसद भगवंत मान ने साफ तौर पर कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने जा रही है. इस बार पार्टी 70 की 70 सीटों पर जीतेगी. पिछली बार तीन विधायक भारतीय जनता पार्टी के चुनकर आए थे.
गौरतलब है कि दिल्ली में जनता का जिस तरह से अपार समर्थन मिल रहा है उसको देखते हुए तो यही लगता है कि इस बार वह विधायक भी अपनी सीट हारने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर तक चुनावी कैंपेन से हटा ली है. इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा को भी पता है कहीं न कहीं वह इस बार का चुनाव भी हारने जा रही है.