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सरकारी नौकरी करते हैं बेटे, 15 साल तक आजीविका के लिए झाड़ू लगाती रही मां ! - Nambardar

15 साल से अकेली रह रही विधवा महिला दो बेटों के सरकारी नौकरी पर होते हुए भी आजीविका के लिए झाड़ू लगाती थी. जिसका कारण पारिवारिक गलतफहमी बताया जा रहा है.

प्रमिला नाना पंवार.
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Published : Apr 3, 2019, 12:04 AM IST

नई दिल्ली/नासिक: एक महिला 15 साल से अकेली रह रही थी. महिला का नाम प्रमिला नाना पंवार बताया जा रहा है. महिला के दो बेटे हैं जो अच्छी खासी नौकरी पर हैं, बावजूद इसके महिला अपनी आजीविका के लिए झाडू पोछा लगाने की जरुरत पड़ रही है.

महिला का एक बेटा बिक्री कर विभाग में अधीक्षक है जबकि दूसरा सरकारी बस कंडक्टर है.महिला ने बेटों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की. महिला नंबूरदार शहर से है, और उसके पति की 1995 में मौत हो गई थी.

महाराष्ट्र के नासिक जिले में रह रही इस महिला की दुर्दशा उस समय प्रकाश में आई, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें उसने कहा कि उसके एक बेटे का नाम सतीश कुमार है, जो पुलिस में उपनिरीक्षक है, और दूसरा बेटा महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम में कार्यरत है तत्पश्चात शहर की पुलिस ने उसे उसके बेटों से मिलाने में उसकी मदद की.

पुलिस ने जानकारी दी कि, महिला को यह तक नहीं पता था कि उसके बेटे कहां रहते हैं, और कुछ पारिवारिक गलतफहमी के चलते वह अपने दोनों बेटों से दूर होकर अकेली रहने को विवश हो गई थी.इस महिला को अपनी आजीविका के लिए झाड़ू पोंछा लगाना पड़ रहा था.

पढ़ें:दिल्ली गंदा पानी पीकर मर रही है और केजरीवाल CM पद पर मस्ती कर रहे हैं: मनोज तिवारी

नासिक के पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटिल ने भी इस वीडियो का क्लिप देखा और पुलिस विभाग में अधिकारियों से महिला के बेटों का पता लगाने को कहा.

पहले पुलिस को अपने विभाग में महिला का बेटा नहीं मिला, लेकिन बहुत खोजबीन के बाद पुलिस विभाग ने पता लगाया कि महिला का बेटा यहां के बिक्री कर कार्यालय में जीएसटी विभाग में है.

आपको बता दें कि पुलिस विभाग को महिला के बेटे की जानकारी मिलते ही मंगलवार को सतीश पंवार और उसकी मां को पुलिस आयुक्त कार्यालय में बुलाया गया जहां दोनों को आपसी गलतफहमी दूर करने की सलाह दी गई. इस संबंध में पुलिस आयुक्त ने बताया कि इसके बाद मां बेटे ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और बेटा अपनी मां को घर ले गया.

नई दिल्ली/नासिक: एक महिला 15 साल से अकेली रह रही थी. महिला का नाम प्रमिला नाना पंवार बताया जा रहा है. महिला के दो बेटे हैं जो अच्छी खासी नौकरी पर हैं, बावजूद इसके महिला अपनी आजीविका के लिए झाडू पोछा लगाने की जरुरत पड़ रही है.

महिला का एक बेटा बिक्री कर विभाग में अधीक्षक है जबकि दूसरा सरकारी बस कंडक्टर है.महिला ने बेटों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की. महिला नंबूरदार शहर से है, और उसके पति की 1995 में मौत हो गई थी.

महाराष्ट्र के नासिक जिले में रह रही इस महिला की दुर्दशा उस समय प्रकाश में आई, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें उसने कहा कि उसके एक बेटे का नाम सतीश कुमार है, जो पुलिस में उपनिरीक्षक है, और दूसरा बेटा महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम में कार्यरत है तत्पश्चात शहर की पुलिस ने उसे उसके बेटों से मिलाने में उसकी मदद की.

पुलिस ने जानकारी दी कि, महिला को यह तक नहीं पता था कि उसके बेटे कहां रहते हैं, और कुछ पारिवारिक गलतफहमी के चलते वह अपने दोनों बेटों से दूर होकर अकेली रहने को विवश हो गई थी.इस महिला को अपनी आजीविका के लिए झाड़ू पोंछा लगाना पड़ रहा था.

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नासिक के पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटिल ने भी इस वीडियो का क्लिप देखा और पुलिस विभाग में अधिकारियों से महिला के बेटों का पता लगाने को कहा.

पहले पुलिस को अपने विभाग में महिला का बेटा नहीं मिला, लेकिन बहुत खोजबीन के बाद पुलिस विभाग ने पता लगाया कि महिला का बेटा यहां के बिक्री कर कार्यालय में जीएसटी विभाग में है.

आपको बता दें कि पुलिस विभाग को महिला के बेटे की जानकारी मिलते ही मंगलवार को सतीश पंवार और उसकी मां को पुलिस आयुक्त कार्यालय में बुलाया गया जहां दोनों को आपसी गलतफहमी दूर करने की सलाह दी गई. इस संबंध में पुलिस आयुक्त ने बताया कि इसके बाद मां बेटे ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और बेटा अपनी मां को घर ले गया.

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MH-WOMAN-SONS
Sons govt employees but mother sweeps homes to earn living
         Nashik, Apr 2 (PTI)A 61-year-old woman living alone
for nearly 15 years had to take up sweeping people's homes
after her two sons - a superintendent in the sales tax office
and another a bus conductor - left her to fend for herself.
         The plight of the woman, Pramila Nana Pawar, currently
residing in Maharashtra's Nashik district, came to light in a
video which went viral on social media following which the
city police helped in reuniting her with one of her sons.
         The woman, originally from the neighbouring Nandurbar
town, lost her husband in 1995. She then worked hard to
provide education to her sons.
         However, due to some misunderstandings, the sons
separated from her, forcing her to live alone here and take up
sweeping up at people's homes to earn a living, a police
source said.
         For last many years, the woman was not even aware of
her sons' whereabouts, the source said.
         Last week, a video clip went viral on social media in
which she mentioned that one of her sons Satish Pawar was a
police sub-inspector and the other, Atish Pawar, an employee
of the MSRTC.
         Nashik Commissioner of Police Vishwas Nangre-Patil
also saw the video clip and asked officials to search for her
son in the police department.
         The police could not trace the man in their department
but later found him to be employed in GST section of the sales
tax office here.
         Satish Pawar and his mother were on Tuesday called to
the police commissioner's office where both of them were
counselled to clear their misunderstandings.
         The two then offered sweets to each other and the son
took his mother to his home, the police commissioner told
reporters. PTI CORR
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