नई दिल्ली : महिला सशक्तिकण के विषय पर RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि महिलाओं के विकास का रास्ता पुरुष तय नहीं कर सकते. भागवत ने कहा कि इसके उलट महिलाएं जरुर पुरुषों का पथ तय कर सकती हैं.
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में महिलाओं की स्थिति पर एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता पर अपनी राय स्पष्ट की और कहा कि महिलाओं को घर गृहस्ती के साथ साथ सार्वजनिक जीवन में भी सहभागिता करनी चाहिए और पुरुषों को इसमें समस्या नहीं होनी चाहिये क्योंकि महिलाएं 'मल्टीटास्किंग की मास्टर' होती हैं.
भारत में महिलाओं की स्थिति पर एक व्यापक सर्वेक्षण संघ समर्थित संस्था 'दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र' द्वारा किया गया है. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आज सार्वजनिक किया गया और इस कार्यक्रम में सरसंघचालक बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.
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अक्सर RSS को आम तौर पर एक पुरुष प्रधान संस्था बताया जाता रहा है और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज देश की राजधानी में जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बातचीत का कार्यक्रम रखा तो ये सवाल भी सामने आया कि संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता कितनी है और इस पर उनकी क्या राय है.
मोहन भागवत ने उस सवाल का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जो कार्य दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र द्वारा किया गया है वो महिलाओं के प्रति संघ और भारत के दृष्टिकोण को भी स्पष्ट करती हैं .
'दृष्टि' द्वारा भारत में महिलाओं की स्थिति विषय पर जारी किये गये सर्वेक्षण के व्यापक स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संस्था का दावा है कि इस सर्वेक्षण के लिये उन्होंने सबसे पहले 7000 सर्वेयर महिलाओं को कुल 521 ट्रेनिंग सेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया.
बकौल भागवत प्रशिक्षण के बाद देश भर के सभी 29 राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों में 43255 महिलाओं से संपर्क किया गया. इस सर्वे के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है.
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RSS प्रमुख ने इस सर्वे रिपोर्ट को जारी करते हुए इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया और महिलाओं से जुड़े कई विषयों पर खुल कर अपने विचार रखे.
पुरुषों को नसीहत देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि पुरुषों को भक्ति भाव के साथ महिलाओं की आराधना करने की जरूरत है और साथ ही ये भी कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये पुरुषों का प्रबोधन किया जाना चाहिए.