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पुरुष नहीं तय कर सकते महिलाओं के विकास की राह : मोहन भागवत - महिलाओं के विकास का रास्ता

महिला सशक्तीकरण के विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने कहा कि महिलाओं के विकास का रास्ता पुरुष तय नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए पुरुषों को सिखाना और जागरुक करना जरुरी है. जानें उन्होंने महिलाओं के विकास के लिए क्या कुछ कहा...

RSS प्रमुख मोहन भागवत
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Published : Sep 25, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:57 PM IST

नई दिल्ली : महिला सशक्तिकण के विषय पर RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि महिलाओं के विकास का रास्ता पुरुष तय नहीं कर सकते. भागवत ने कहा कि इसके उलट महिलाएं जरुर पुरुषों का पथ तय कर सकती हैं.

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में महिलाओं की स्थिति पर एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता पर अपनी राय स्पष्ट की और कहा कि महिलाओं को घर गृहस्ती के साथ साथ सार्वजनिक जीवन में भी सहभागिता करनी चाहिए और पुरुषों को इसमें समस्या नहीं होनी चाहिये क्योंकि महिलाएं 'मल्टीटास्किंग की मास्टर' होती हैं.

महिलाओं की स्थिति पर RSS चीफ मोहन भागवत

भारत में महिलाओं की स्थिति पर एक व्यापक सर्वेक्षण संघ समर्थित संस्था 'दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र' द्वारा किया गया है. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आज सार्वजनिक किया गया और इस कार्यक्रम में सरसंघचालक बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.

पढ़ें: पिछले 51 दिनों में कश्मीर से 13 हजार युवा लापताः सईदा हमीद

अक्सर RSS को आम तौर पर एक पुरुष प्रधान संस्था बताया जाता रहा है और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज देश की राजधानी में जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बातचीत का कार्यक्रम रखा तो ये सवाल भी सामने आया कि संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता कितनी है और इस पर उनकी क्या राय है.

मोहन भागवत ने उस सवाल का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जो कार्य दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र द्वारा किया गया है वो महिलाओं के प्रति संघ और भारत के दृष्टिकोण को भी स्पष्ट करती हैं .

'दृष्टि' द्वारा भारत में महिलाओं की स्थिति विषय पर जारी किये गये सर्वेक्षण के व्यापक स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संस्था का दावा है कि इस सर्वेक्षण के लिये उन्होंने सबसे पहले 7000 सर्वेयर महिलाओं को कुल 521 ट्रेनिंग सेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया.

बकौल भागवत प्रशिक्षण के बाद देश भर के सभी 29 राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों में 43255 महिलाओं से संपर्क किया गया. इस सर्वे के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है.

पढ़ें: पायल जांगिड को मिला 'चेंजमेकर अवार्ड', कैलाश सत्यार्थी बोले- हमें गर्व है

RSS प्रमुख ने इस सर्वे रिपोर्ट को जारी करते हुए इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया और महिलाओं से जुड़े कई विषयों पर खुल कर अपने विचार रखे.

पुरुषों को नसीहत देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि पुरुषों को भक्ति भाव के साथ महिलाओं की आराधना करने की जरूरत है और साथ ही ये भी कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये पुरुषों का प्रबोधन किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली : महिला सशक्तिकण के विषय पर RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि महिलाओं के विकास का रास्ता पुरुष तय नहीं कर सकते. भागवत ने कहा कि इसके उलट महिलाएं जरुर पुरुषों का पथ तय कर सकती हैं.

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में महिलाओं की स्थिति पर एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता पर अपनी राय स्पष्ट की और कहा कि महिलाओं को घर गृहस्ती के साथ साथ सार्वजनिक जीवन में भी सहभागिता करनी चाहिए और पुरुषों को इसमें समस्या नहीं होनी चाहिये क्योंकि महिलाएं 'मल्टीटास्किंग की मास्टर' होती हैं.

महिलाओं की स्थिति पर RSS चीफ मोहन भागवत

भारत में महिलाओं की स्थिति पर एक व्यापक सर्वेक्षण संघ समर्थित संस्था 'दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र' द्वारा किया गया है. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आज सार्वजनिक किया गया और इस कार्यक्रम में सरसंघचालक बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.

पढ़ें: पिछले 51 दिनों में कश्मीर से 13 हजार युवा लापताः सईदा हमीद

अक्सर RSS को आम तौर पर एक पुरुष प्रधान संस्था बताया जाता रहा है और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज देश की राजधानी में जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बातचीत का कार्यक्रम रखा तो ये सवाल भी सामने आया कि संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता कितनी है और इस पर उनकी क्या राय है.

मोहन भागवत ने उस सवाल का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जो कार्य दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र द्वारा किया गया है वो महिलाओं के प्रति संघ और भारत के दृष्टिकोण को भी स्पष्ट करती हैं .

'दृष्टि' द्वारा भारत में महिलाओं की स्थिति विषय पर जारी किये गये सर्वेक्षण के व्यापक स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संस्था का दावा है कि इस सर्वेक्षण के लिये उन्होंने सबसे पहले 7000 सर्वेयर महिलाओं को कुल 521 ट्रेनिंग सेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया.

बकौल भागवत प्रशिक्षण के बाद देश भर के सभी 29 राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों में 43255 महिलाओं से संपर्क किया गया. इस सर्वे के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है.

पढ़ें: पायल जांगिड को मिला 'चेंजमेकर अवार्ड', कैलाश सत्यार्थी बोले- हमें गर्व है

RSS प्रमुख ने इस सर्वे रिपोर्ट को जारी करते हुए इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया और महिलाओं से जुड़े कई विषयों पर खुल कर अपने विचार रखे.

पुरुषों को नसीहत देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि पुरुषों को भक्ति भाव के साथ महिलाओं की आराधना करने की जरूरत है और साथ ही ये भी कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये पुरुषों का प्रबोधन किया जाना चाहिए.

Intro:आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दिल्ली में महिलाओं की स्थिति पर एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता पर अपनी राय स्पष्ट की और कहा कि महिलाओं को घर गृहस्ती के साथ साथ सार्वजनिक जीवन में भी सहभागिता करनी चाहिये और पुरुषों को इसमें समस्या नहीं होनी चाहिये क्योंकि महिलाएँ 'मल्टीटास्किंग की मास्टर' होती हैं ।
भारत में महिलाओं की स्थिति पर एक व्यापक सर्वेक्षण संघ समर्थित संस्था 'दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र' द्वारा किया गया है । इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आज सार्वजनिक किया गया और इस कार्यक्रम में सरसंघचालक बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे थे ।

अक्सर आरएसएस को आम तौर पर एक पुरुष प्रधान संस्था बताया जाता रहा है और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज देश की राजधानी में जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बातचीत का कार्यक्रम रखा तो ये सवाल भी सामने आया कि संघ के कार्यों में महिलाओं की सहभागिता कितनी है और इस पर उनकी क्या राय है ।
मोहन भागवत ने उस सवाल का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जो कार्य दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र द्वारा किया गया है वो महिलाओं के प्रति संघ और भारत के दृष्टिकोण को भी स्पष्ट करती हैं ।


Body:'दृष्टि' द्वारा भारत में महिलाओं की स्थिति विषय पर जारी किये गये सर्वेक्षण के व्यापक स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संस्था का दावा है कि इस सर्वेक्षण के लिये उन्होंने सबसे पहले 7000 सर्वेयर महिलाओं को कुल 521 ट्रेनिंग सेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया और फिर देश भर के सभी 29 राज्यों और 5 केन्द्र साशित प्रदेशों में 43255 महिलाओं के सर्वे के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है ।
आरएसएस प्रमुख ने इस सर्वे रिपोर्ट को जारी करते हुए इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया और महिलाओं से जुड़े कई विषयों पर खुल कर अपने विचार रखें ।
पुरुषों को नसीहत देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि पुरुषों को भक्ति भाव के साथ महिलाओं की आराधना करने की जरूरत है और साथ ही ये भी कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये पुरुषों का प्रबोधन किया जाना चाहिये ।
भारत मे महिलाओं की स्थिति पर आरएसएस प्रमुख की क्या राय है, ये जानने के लिये देखें वीडियो ।



Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:57 PM IST
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