तिरुवनंतपुरम : माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी ने शनिवार को कहा कि भारत में चल रहे कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं ऐसे शिविरों पर केंद्र सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए.
तारीगामी ने यहां माकपा की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति में शिरकत करते हुए संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसे शिविर चल रहे हैं या नहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि कट्टरपंथ को किसी एक धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए और तथ्य यह है कि ऐसा और भी धर्मों में हो रहा है.
मार्क्सवादी नेता ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के 16 जनवरी को दिए गए उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें जनरल ने खुलासा किया था कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं.
जनरल ने कहा था कि दस और बारह साल के लड़के और लड़कियों को घाटी में कट्टरपंथी बनाया जा रहा है जो चिंता का विषय है.
पढ़ें- CAA के समर्थन में पाकिस्तानी शरणार्थियों ने निकाली पदयात्रा
तारीगामी ने कहा, 'जनरल ने जो कहा उसका प्रभाव उनके बयान से बढ़कर है और भाजपा सरकार को इस विषय पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं और सरकार को बताना चाहिए कि 400 की संख्या में शिविर कहां चल रहे हैं.