नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर 'ठहराव को अपनी विशेषता' बनाने का आरोप लगाते हुए हिन्दी के प्रसिद्ध हास्यकवि काका हाथरसी की एक कविता की पंक्तियों के माध्यम से उसे नसीहत दी.
मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए यह नसीहत दी. उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, 'नये दशक में, नये कलेवर की जो मेरी अपेक्षा थी, उसमें मुझे निराशा मिली है.'
इसके बाद उन्होंने काका हाथरसी की एक कविता की निम्न पंक्तियां पढ़ीं :-
'प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो, बदल रहे अणु, कण-कण देखो तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो भाग्यवाद पर अड़े हुए हो छोड़ो मित्र, पुरानी ढफली जीवन में परिवर्तन लाओ परंपरा से ऊंचे उठकर, कुछ तो स्टेंडर्ड बनाओ.'
मोदी ने कहा कि आप जहां ठहरे हुए हैं, वहां से लगता है आप पीछे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा लगाता है कि 'ठहराव को ही आपने (विपक्ष ने) अपनी विशेषता बना लिया है.'
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