नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यह जानकारी दी. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया.
इस पर प्रधानमंत्री का कहना है कि 'नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी. कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कई परीक्षणों को समाप्त कर देगा, जिससे कीमती समय और संसाधनों को बचाने में भी मदद मिलेगी. इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा.'
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The #NationalRecruitmentAgency will prove to be a boon for crores of youngsters. Through the Common Eligibility Test, it will eliminate multiple tests and save precious time as well as resources. This will also be a big boost to transparency. https://t.co/FbCLAUrYmX
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— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2020
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावडेकर ने संवाददाताओं को बताया 'युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं. ऐसी परीक्षाओं के लिए अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है.'
उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी. इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आयेंगी.
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एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाएं होंगी.
उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे. परीक्षा आयोजित करने के लिये हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा.