नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत दौरे पर हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं, जो जोखिम लेने से नहीं डरते.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में यह दिखाया कि आतंकवाद को पुरस्कृत करना गलत है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले फलस्तीन के एनजीओ के खिलाफ मतदान किया था.
पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि वे ऐसे नेता हैं जो जोखिम लेने से नहीं डरते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देश 'एक साथ अविश्वनीय चीज़े' कर सकते हैं.
माइक पोम्पिओ ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के पक्ष में 'मजबूती' से बोलने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि अगर इस अधिकार के साथ समझौता किया जाता है तो इससे दुनिया बदतर हो जाती है.
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पोम्पिओ की टिप्पणी की अहम मानी जा रही है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 2018 की सालाना अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी की थी.
इसमें आरोप लगाया गया था कि भारत में 2018 में गायों के व्यापार या गोवध की अफवाह पर अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर, मुसलमानों के खिलाफ चरमंपथी हिन्दू समूहों ने भीड़ द्वारा हिंसा की है.
पोम्पिओ बुधवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'भारत नीति' पर भाषण दे रहे थे. उन्होंने कहा, 'भारत में चार प्रमुख धर्मों का जन्म हुआ है. सभी को धार्मिक स्वतंत्रता मिले, इसके लिए साथ खड़ा होना चाहिए. इन अधिकारों के पक्ष में एक साथ मजबूती से बोलना चाहिए . जब भी उन अधिकारों के साथ समझौता किया जाता है तो दुनिया बदतर होती है.'
उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने से अमेरिका खुश है.
(भाषा इनपुट)