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चलते-चलते मैसेज करना फोन पर बात करने से ज्यादा खतरनाक : शोध - दुर्घटनाग्रस्त

आज मोबाइल ने लोगों की जिंदगी को बहुत आसान बनाया है. मोबाइल अब लोगों की जरुरत बन चुका है, इसके बिना जीवन शायद रफ्तार रुक सा जाएगा. लेकिन यह मोबाइल जानलेवा भी बनता जा रहा है,लोग चलते-चलते बातें तो करते ही हैं,साथ-साथ चलते चलते मैसेज भी टाइप करने लगे हैं जो कि और ज्यादा घातक है.

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Published : Feb 4, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 4:52 AM IST

नई दिल्ली / टोरंटो : एक अध्ययन में यह पाया गया है कि चलते-चलते मोबाइल से संदेश भेजने वाले लोगों के, फोन पर बात करने या संगीत सुनने वाले लोगों की तुलना में दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम अधिक रहता है.

अध्ययन में पाया गया कि पैदल चलते वक्त स्मार्टफोन से मैसेज करना सुरक्षा से समझौता करना है. इस दौरान ‘बाल-बाल बचने’ की घटनाओं की दर बहुत ज्यादा है और सड़क पार करते वक्त बाएं या दाएं नहीं देख पाना शामिल है.

कनाडा की कैलगरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुर्घटना के खतरे पर पैदल यात्रियों के ध्यान भंग होने संबंधी व्यवहार के प्रभाव के बारे में ज्यादा जानने के लिए अधिक विस्तृत रुख की अपील की है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 2,70,000 यात्रियों की मौत होती है.

यह अध्ययन ‘इंजरी प्रिवेंशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

नई दिल्ली / टोरंटो : एक अध्ययन में यह पाया गया है कि चलते-चलते मोबाइल से संदेश भेजने वाले लोगों के, फोन पर बात करने या संगीत सुनने वाले लोगों की तुलना में दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम अधिक रहता है.

अध्ययन में पाया गया कि पैदल चलते वक्त स्मार्टफोन से मैसेज करना सुरक्षा से समझौता करना है. इस दौरान ‘बाल-बाल बचने’ की घटनाओं की दर बहुत ज्यादा है और सड़क पार करते वक्त बाएं या दाएं नहीं देख पाना शामिल है.

कनाडा की कैलगरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुर्घटना के खतरे पर पैदल यात्रियों के ध्यान भंग होने संबंधी व्यवहार के प्रभाव के बारे में ज्यादा जानने के लिए अधिक विस्तृत रुख की अपील की है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 2,70,000 यात्रियों की मौत होती है.

यह अध्ययन ‘इंजरी प्रिवेंशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

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चलते-चलते मैसेज करना फोन पर बात करने से ज्यादा खतरनाक : शोध

टोरंटो, चार फरवरी (भाषा) चलते-चलते मोबाइल से संदेश भेजने वाले लोगों के, फोन पर बात करने या संगीत सुनने वाले लोगों की तुलना में दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम अधिक रहता है। एक अध्ययन में यह पाया गया।



अध्ययन में पाया गया कि पैदल चलते वक्त स्मार्टफोन से मैसेज करना सुरक्षा से समझौता करना है। इस दौरान ‘बाल-बाल बचने’ की घटनाओं की दर बहुत ज्यादा है और सड़क पार करते वक्त बाएं या दाएं नहीं देख पाना शामिल है।



कनाडा की कैलगरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुर्घटना के खतरे पर पैदल यात्रियों के ध्यान भंग होने संबंधी व्यवहार के प्रभाव के बारे में ज्यादा जानने के लिए अधिक विस्तृत रुख की अपील की है।



शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 2,70,000 यात्रियों की मौत होती है।



यह अध्ययन ‘इंजरी प्रिवेंशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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Last Updated : Feb 29, 2020, 4:52 AM IST
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