लखनऊ : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र के तिर्रेमनोरमा स्थित राम जानकी मंदिर के महंत को रात में सोते समय गोली मार दी गई. गोली मारने के बाद हमलावर फरार हो गए. गंभीर हालत मे महंत को जिला अस्पताल लाया गया, जहां से फिर लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने चार नामजद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. घटना के बाद मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. मंदिर परिसर छावनी में तब्दील हो गया है.
इटियाथोक थाना क्षेत्र के तिर्रेमनोरमा गांव में महर्षि उद्दालक का आश्रम है. इसी आश्रम में राम जानकी का प्राचीन मंदिर बना हुआ है. बाबा सम्राट दास यहां के महंत हैं. शनिवार की रात जब वह मंदिर परिसर में सो रहे थे तो अज्ञात हमलावरों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया. महंत सम्राट दास को बेहद नजदीक से गोली मारी गई है. गोली उनके कंधे पर लगी है. वहीं गोली चलने का आवाज सुनकर जब आस-पास के लोग जगे, तब तक हमलावर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए. आनन-फानन में महंत को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के लिए रेफर कर दिया है.
प्रारंभिक पड़ताल में जमीन विवाद का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि मंदिर के नाम से करोड़ों रुपये की जमीन है और इसी जमीन पर भूमाफिया की नजर है. कुछ दिन पहले भी इसी जमीन के लेकर बाबा और गांव के ही कुछ लोगों के बीच विवाद हुआ था. इसके बाद बाबा को पुलिस की तरफ से सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी. बाबा के सुरक्षा में दो होमगार्ड जवानों को लगाया गया था. फिलहाल महंत की तहरीर पर गांव के ही चार लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है.
पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि राम जानकी मंदिर के महंत सम्राट दास की रात करीब दो बजे गोली मारे जाने की सूचना मिली थी. महंत को जिला अस्पताल में लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर किया है. महंत की हालत ठीक है. मामला जमीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस ने महंत की तहरीर पर गांव के ही चार लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले का केस दर्ज कर लिया है. नामजद किए गए दो आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है और सतर्कता बरती जा रही है.
महंत ने लगाए गंभीर आरोप
मंदिर के महंत सीताराम दास ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'प्रशासन अपने आप को बचाने में जुटा है. मंदिर की 150 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. कई बार धमकी मिली. आखिर क्या कारण है कि माफिया अमर सिंह पर पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई नहीं की. पहले मंदिर के महंत और पुजारी की सुरक्षा में सशस्त्र धारी सिपाही की तैनाती थी. फिर राजनीतिक दबाव में सुरक्षा में तैनात सिपाही को हटवाकर होमगार्ड को तैनात कर दिया गया, जिसकी शिकायत डीजीपी, मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम से की थी, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.'
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कई बार बम से हुआ हमला
महंत सीताराम दास ने कहा, 'जो भी हो रहा है, प्रशासन की शह पर हो रहा है. स्थानीय प्रशासन माफिया के अंडर में काम कर रहा है. हमारे ऊपर कई बार बम से हमला हुआ, लेकिन यह लोग मामले को दबा देते थे. कहते थे कि महाराज अब नहीं होगा. आप कुछ मत करिए. आप शांत रहिए. उसी का परिणाम है कि हमारा पुजारी मौत से लड़ रहा है. हमारी आप लोगों से निवेदन है कि आप लोग मदद करिए.'