नई दिल्ली : राजधानी में गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या से पीड़ित 11 साल की बच्ची दर्द से परेशान है, उसे पांच दिन पहले ही एयर लिफ्ट कर जम्मू से दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉ पीयूष ने बच्ची का इलाज शुरू भी कर दिया था, बच्ची के सारे टेस्ट हो गए और उनकी रिपोर्ट आ गई. लेकिन प्रोटोकॉल के तहत कोविड टेस्ट जरूरी था. इसके चलते बच्ची का इलाज बीच में ही रुक गया है. इस बीच बच्ची का दर्द से बुरा हाल है.
सर गंगा राम अस्पताल समेत सभी निजी लैब में कोविड जांच को अगले आदेश तक दिल्ली सरकार ने सस्पेंड कर रखा है. इसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जम्मू से एक 11 साल की बच्ची पेट में असहनीय दर्द के साथ दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल चार जून को पहुंची थी. बच्ची का तुरंत सिम्प्टोमैटिक ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया.
बच्ची को जांच करने के बाद पता चला कि उसे गॉल ब्लैडर स्टोन है, जिसकी वजह से उसे काफी दर्द हो रहा था. यहां अब उसका आगे का इलाज कोविड टेस्ट की वजह से रुका हुआ है.
कहा जा रहा है कि अगर अस्पताल का कोविड टेस्ट करने का लाइसेंस सस्पेंड नहीं किया गया होता तो इसका ऑपरेशन हो गया होता.
चार दिन बाद भी नहीं मिली रिपोर्ट
बच्ची के पिता केवल सिंह ने बताया कि जब चार जून को रात में कोविड टेस्ट के बारे में कहा गया तो उन्होंने हॉस्पिटल से पूछा कि क्या यह टेस्ट यहां नहीं होता है? तो अस्पताल की तरफ से कहा गया कि यहां फिलहाल यह जांच नहीं हो रही है. उन्हें बाहर से यह जांच करानी होगी. बिना इस जांच के बच्ची का ऑपरेशन संभव नहीं है.
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बच्ची के पिता ने एक क्लिनिक ऐप केयर से संपर्क किया, जो कोविड जांच कर रहा था. पांच जून की सुबह को सैंपल कलेक्ट कर लिया गया और अगले 24 घंटे तक रिपोर्ट देने की बात कही गई. लेकिन पांचवें दिन भी रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. इधर बच्ची की तबियत ज्यादा खराब हो रही है, दर्द की वजह से उसका बुरा हाल है. फिलहाल वह दिल्ली के मयूर विहार स्थित एक घर पर है और कोविड रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
सभी लैब को जांच के लिए रोक दिया है
बच्ची के पिता केवल सिंह ने बताया कि क्लीनिक ऐप केयर लैब को जॉब फोन कर रिपोर्ट के बारे में पूछा तो उनसे कहा गया कि वह कोई नया सैंपल कलेक्ट नहीं कर रहे हैं. सभी लैब को जांच के लिए रोक दिया गया है.