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कोटा में नवजातों की मौत के मामले में जांच कमेटी का गठन - चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले में जांच कमेटी का गठन किया है. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने ​हाल ही में आदेश जारी किए हैं.

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नवजातों की मौत
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Published : Dec 11, 2020, 6:12 PM IST

जयपुर : चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने नवजातों की मौत के मामले में चार सदस्यीय दल का गठन कर जांच करने के आदेश दिए हैं. कमेटी में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु रोग विभाग डॉ. अमरजीत मेहता, अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु औषध, एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. रामबाबू शर्मा को शामिल किया गया है.

मंत्री के मुताबिक यह टीम तुरंत कोटा जाकर जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के प्रत्येक मामलों की जांच करेगी. उन्होंने बताया कि कमेटी इसके साथ ही जेके लोन चिकित्सालय में चिकित्सा की समग्र व्यवस्थाओं जैसे मेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता एवं उपलब्धता, मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशील होने, आवश्यक गवाहों की उपलब्धता सहित अन्य बिन्दुओं पर भी जांच कर अपनी रिपोर्ट तीन दिन में राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी.

यह भी पढ़ें: जेके लोन अस्पतालः कोटा में नवजात शिशुओं की मौत का जिम्मेदार कौन?...11 दिनों में 29 की टूटी सांसें

गौरतलब है कि कोटा का जेके लोन अस्पताल फिर से विवादों में आ गया है. इसकी वजह 24 घंटे के भीतर नौ नवजातों की मौत है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने नवजातों की जान ली है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दलील कुछ और ही है. अस्पताल प्रबंधन कहता है कि यह नवजात बच्चे रेफर होकर आए थे और गंभीर स्थिति के चलते ही इनकी मौत हो गई.

जयपुर : चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने नवजातों की मौत के मामले में चार सदस्यीय दल का गठन कर जांच करने के आदेश दिए हैं. कमेटी में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु रोग विभाग डॉ. अमरजीत मेहता, अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु औषध, एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. रामबाबू शर्मा को शामिल किया गया है.

मंत्री के मुताबिक यह टीम तुरंत कोटा जाकर जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के प्रत्येक मामलों की जांच करेगी. उन्होंने बताया कि कमेटी इसके साथ ही जेके लोन चिकित्सालय में चिकित्सा की समग्र व्यवस्थाओं जैसे मेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता एवं उपलब्धता, मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशील होने, आवश्यक गवाहों की उपलब्धता सहित अन्य बिन्दुओं पर भी जांच कर अपनी रिपोर्ट तीन दिन में राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी.

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गौरतलब है कि कोटा का जेके लोन अस्पताल फिर से विवादों में आ गया है. इसकी वजह 24 घंटे के भीतर नौ नवजातों की मौत है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने नवजातों की जान ली है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दलील कुछ और ही है. अस्पताल प्रबंधन कहता है कि यह नवजात बच्चे रेफर होकर आए थे और गंभीर स्थिति के चलते ही इनकी मौत हो गई.

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