नई दिल्ली : सीआरपीएफ के 82वें स्थापना दिवस के अवसर पर सोमवार को नई दिल्ली में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अपने मुख्यालय परिसर में महामारी प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए एक शांत समारोह का आयोजन किया. इस अवसर पर नित्यानंद ने अपने कर्मियों के लिए 'संभव' नामक एप का उद्घाटन किया. यह ऐप बल कर्मियों को उनकी सेवा से संबंधित असंख्य मामलों तक पहुंचने के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म प्रदान करता है.
सीआरपीएफ के 82वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सीआपीएफ जवानों की सराहना की. जिसमें उन्होंने कहा कि निडरता सीआरपीएफ की पहचान है जो सेवा और निष्ठा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
नित्यानंद ने कोरोना महामारी के दौरान लगातार काम करने वाले सीआरपीएफ जवानों की सराहना करते हुए कहा कि चाहे वह कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए या डॉक्टरों या नर्सों की देखभाल करने के बारे में हो, सीआरपीएफ जवान अपने कर्तव्यों को निभाने में कभी संकोच नहीं करते हैं.
अक्टूबर 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में जब चीन ने हम पर हमला किया तब 10 सीआरपीएफ कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी, लेकिन चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सीआरपीएफ पर पूरा भरोसा है.
वहीं, सीआरपीएफ के महानिदेशक ए.पी. माहेश्वरी ने कहा कि सीआरपीएफ एकमात्र बल है जो सामुदायिक सहयोग पर ध्यान देने के साथ समान रूप से हमारे देश के संघीय ढांगे में फिट बैठता है और व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है.
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27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटिव पुलिस के रूप में गठित सीआरपीएफ को 1949 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में फिर से संगठित किया गया. पिछले 82 वर्षों में बल 246 के साथ देश का सबस बड़ा अर्धसैनिक बल बनने के लिए आकार प्राप्त कर रहा है.