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मिग-21 पुराने, मगर बाइसन नहीं: विशेषज्ञ

जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को नियंत्रण रेखा पर एक हवाई भिड़त में एक मिग-21 विमान ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया, जिसकी सराहना हो रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आईएएफ का विमान भले ही सोवियत का पुराना था, लेकिन इसका उन्नत संस्करण बाइसन निस्संदेह पुराना नहीं है.

MIG-21 (सौ.आईएएनएस)
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Published : Mar 2, 2019, 8:56 AM IST



नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को नियंत्रण रेखा पर एक हवाई भिड़त में एक मिग-21 विमान ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया, जिसकी सराहना हो रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आईएएफ का विमान भले ही सोवियत का पुराना था, लेकिन इसका उन्नत संस्करण बाइसन निस्संदेह पुराना नहीं है.

MIG21_PIC_IANS
MIG-21 (सौ.आईएएनएस)
पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) व भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बीच हवाई लड़ाई हुई, जिसमें यह उभरकर आया कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 को सफलतापूर्वक कुशलता के साथ संचालित किया और घुसपैठ करने वाले विमान को गिराने में कामयाब रहे.हालांकि, पाकिस्तान ने हमले में एफ-16 विमान के शामिल होने से इनकार किया, लेकिन भारत ने इसके साक्ष्य होने की बात कही.मिग-21 व एफ-16 अलग-अलग पीढ़ियों के हैं. पीएएफ ने अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान एफ-16सी/डी के उन्नत संस्करण को उड़ाया था, जबकि मिग-21 बाइसन, 60 साल से सेवा दे रहे एक विमान का उन्नत अवतार है.भारत में मिग-21 के बारे में जनता की धारणा उत्साहजनक नहीं है, क्योंकि विमान के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने से इसे 'फ्लाइंग कॉफिन' का नाम मिल गया है, जिसका हाल में पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल में पुराने लड़ाकू विमान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि एफ-16 निसंदेह गतिशीलता व हथियार से लक्ष्य साधने के संदर्भ में बहुत ही बेहतर है, लेकिन मिग-21 की अपनी खासियत है.विशेषज्ञों का कहना है कि मिग-21 स्पष्ट तौर पर भारतीय वायुसेना की पसंद है, ऐसा इसके गश्त के लिए तत्परता की वजह से है, जो 100 नंबर पुलिस के समान है, जिसका किसी भी आपात स्थिति में हर समय इस्तेमाल किया जाता है.उन्होंने कहा कि इस भूमिका के लिए मिग-21 सबसे तरजीही विमान है, क्योंकि वे अन्य दूसरे सभी लड़ाकू विमानों की तुलना में हवाई यात्रा करने के लिए सबसे कम समय लेते हैं. मिग-21 केवल दो मिनट में लॉन्च किया जा सकता है.मिग-21 बाइसन किसी अन्य आधुनिक लड़ाकू विमान की तरह हथियारों की एक रेंज को ले जा सकता हैं और इसमें काफी अच्छी सुविधाएं हैं. इसमें आर073 की लड़ाकू मिसाइल है, जिसकी रेंज 20-25 किमी है और विजुअल रेंज की मिसाइल से परे फायर कर सकता है. इसमें रडार, जैमर्स व प्रतिरोधी उपाय के तौर डिस्पेंसिंग सिस्टम चफ व फ्लेयर्स शामिल हैं.

पढ़ें:वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौटे विंग कमांडर अभिनंदन


भारतीय वायुसेना मिग-21 के प्रतिस्थापन के प्रयास में लगी है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बल को अन्य विमान नहीं मिल जाता तब तक इसे ही उड़ाना है.



नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को नियंत्रण रेखा पर एक हवाई भिड़त में एक मिग-21 विमान ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया, जिसकी सराहना हो रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आईएएफ का विमान भले ही सोवियत का पुराना था, लेकिन इसका उन्नत संस्करण बाइसन निस्संदेह पुराना नहीं है.

MIG21_PIC_IANS
MIG-21 (सौ.आईएएनएस)
पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) व भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बीच हवाई लड़ाई हुई, जिसमें यह उभरकर आया कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 को सफलतापूर्वक कुशलता के साथ संचालित किया और घुसपैठ करने वाले विमान को गिराने में कामयाब रहे.हालांकि, पाकिस्तान ने हमले में एफ-16 विमान के शामिल होने से इनकार किया, लेकिन भारत ने इसके साक्ष्य होने की बात कही.मिग-21 व एफ-16 अलग-अलग पीढ़ियों के हैं. पीएएफ ने अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान एफ-16सी/डी के उन्नत संस्करण को उड़ाया था, जबकि मिग-21 बाइसन, 60 साल से सेवा दे रहे एक विमान का उन्नत अवतार है.भारत में मिग-21 के बारे में जनता की धारणा उत्साहजनक नहीं है, क्योंकि विमान के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने से इसे 'फ्लाइंग कॉफिन' का नाम मिल गया है, जिसका हाल में पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल में पुराने लड़ाकू विमान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि एफ-16 निसंदेह गतिशीलता व हथियार से लक्ष्य साधने के संदर्भ में बहुत ही बेहतर है, लेकिन मिग-21 की अपनी खासियत है.विशेषज्ञों का कहना है कि मिग-21 स्पष्ट तौर पर भारतीय वायुसेना की पसंद है, ऐसा इसके गश्त के लिए तत्परता की वजह से है, जो 100 नंबर पुलिस के समान है, जिसका किसी भी आपात स्थिति में हर समय इस्तेमाल किया जाता है.उन्होंने कहा कि इस भूमिका के लिए मिग-21 सबसे तरजीही विमान है, क्योंकि वे अन्य दूसरे सभी लड़ाकू विमानों की तुलना में हवाई यात्रा करने के लिए सबसे कम समय लेते हैं. मिग-21 केवल दो मिनट में लॉन्च किया जा सकता है.मिग-21 बाइसन किसी अन्य आधुनिक लड़ाकू विमान की तरह हथियारों की एक रेंज को ले जा सकता हैं और इसमें काफी अच्छी सुविधाएं हैं. इसमें आर073 की लड़ाकू मिसाइल है, जिसकी रेंज 20-25 किमी है और विजुअल रेंज की मिसाइल से परे फायर कर सकता है. इसमें रडार, जैमर्स व प्रतिरोधी उपाय के तौर डिस्पेंसिंग सिस्टम चफ व फ्लेयर्स शामिल हैं.

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भारतीय वायुसेना मिग-21 के प्रतिस्थापन के प्रयास में लगी है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बल को अन्य विमान नहीं मिल जाता तब तक इसे ही उड़ाना है.

mig 21s are vintage but bisons are not hopelessly outdated say experts
मिग-21 पुराने, मगर बाइसन नहीं: विशेषज्ञ

नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार को नियंत्रण रेखा पर एक हवाई भिड़त में एक मिग-21 विमान ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया, जिसकी सराहना हो रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आईएएफ का विमान भले ही सोवियत का पुराना था, लेकिन इसका उन्नत संस्करण बाइसन निस्संदेह पुराना नहीं है.

पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) व भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बीच हवाई लड़ाई हुई, जिसमें यह उभरकर आया कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 को सफलतापूर्वक कुशलता के साथ संचालित किया और घुसपैठ करने वाले विमान को गिराने में कामयाब रहे.

हालांकि, पाकिस्तान ने हमले में एफ-16 विमान के शामिल होने से इनकार किया, लेकिन भारत ने इसके साक्ष्य होने की बात कही.

मिग-21 व एफ-16 अलग-अलग पीढ़ियों के हैं. पीएएफ ने अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान एफ-16सी/डी के उन्नत संस्करण को उड़ाया था, जबकि मिग-21 बाइसन, 60 साल से सेवा दे रहे एक विमान का उन्नत अवतार है.

भारत में मिग-21 के बारे में जनता की धारणा उत्साहजनक नहीं है, क्योंकि विमान के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने से इसे 'फ्लाइंग कॉफिन' का नाम मिल गया है, जिसका हाल में पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल में पुराने लड़ाकू विमान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि एफ-16 निसंदेह गतिशीलता व हथियार से लक्ष्य साधने के संदर्भ में बहुत ही बेहतर है, लेकिन मिग-21 की अपनी खासियत है.

विशेषज्ञों का कहना है कि मिग-21 स्पष्ट तौर पर भारतीय वायुसेना की पसंद है, ऐसा इसके गश्त के लिए तत्परता की वजह से है, जो 100 नंबर पुलिस के समान है, जिसका किसी भी आपात स्थिति में हर समय इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने कहा कि इस भूमिका के लिए मिग-21 सबसे तरजीही विमान है, क्योंकि वे अन्य दूसरे सभी लड़ाकू विमानों की तुलना में हवाई यात्रा करने के लिए सबसे कम समय लेते हैं. मिग-21 केवल दो मिनट में लॉन्च किया जा सकता है.

मिग-21 बाइसन किसी अन्य आधुनिक लड़ाकू विमान की तरह हथियारों की एक रेंज को ले जा सकता हैं और इसमें काफी अच्छी सुविधाएं हैं. इसमें आर073 की लड़ाकू मिसाइल है, जिसकी रेंज 20-25 किमी है और विजुअल रेंज की मिसाइल से परे फायर कर सकता है. इसमें रडार, जैमर्स व प्रतिरोधी उपाय के तौर डिस्पेंसिंग सिस्टम चफ व फ्लेयर्स शामिल हैं.

भारतीय वायुसेना मिग-21 के प्रतिस्थापन के प्रयास में लगी है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बल को अन्य विमान नहीं मिल जाता तब तक इसे ही उड़ाना है.
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