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लॉकडाउन : उत्तरकाशी में फंसे इंग्लैंड के माइकल अपना रहे पहाड़ी जीवनशैली - भारत में कोरोनो वायरस

लॉकडाउन में जो जहां है, वहीं फंस कर रह गया है. ऐसे में उत्तरकाशी में एक विदेशी मेहमान भी फंसा हुआ है, जिसे अब पहाड़ की संस्कृति खूब पसंद आ रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन बिताते विदेशी मेहमान.
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Published : May 17, 2020, 8:51 PM IST

उत्तरकाशी : विदेशी मेहमान पहाड़ की समृद्ध जीवनशैली और संस्कृति के हमेशा से ही मुरीद रहे हैं. इसी क्रम में कोरोना लॉकडाउन में उत्तरकाशी में फंसे इंग्लैंड के माइकल वरुणावत पर्वत पर बसे संग्राली गांव में पहाड़ की जीवनशैली के अनुरूप अपनी दिनचर्या बिता रहे हैं.

इसके साथ ही उनके मित्र दिवाकर नैथानी उन्हें पहाड़ की जीवनशैली की बारीकियों से रूबरू करवा रहे हैं. ग्रामीणों का स्नेह पाकर अभिभूत माइकल ने ग्रामीणों के साथ जिले के डीएम आशीष चौहान का भी धन्यवाद किया.

भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन व्यतीत करते विदेशी मेहमान.

बता दें, इंग्लैंड के माइकल जनवरी माह के अंत में भारत टूरिस्ट वीजा पर आए थे. इस दौरान मार्च माह में वह उत्तरकाशी पहुंचे. लॉकडाउन के बाद माइकल यहीं फंस गए. जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन से संग्राली गांव के विमलेश्वर मंदिर में रहने की अनुमति मांगी. जिला प्रशासन ने उन्हें विमलेश्वर में रहने की अनुमति दी. संग्राली गांव में माइकल ग्रामीण दिवाकर नैथानी के सम्पर्क में आए.

यह भी पढ़ें-भारत में कोरोना : पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 31 मई तक बढ़ा लॉकडाउन

पढ़ें- क्या क्वारंटाइन शख्स की पत्नी होना गुनाह? अस्पताल में घंटों तड़पती रही प्रेग्नेंट महिला

दिवाकर नैथानी ने बताया कि माइकल अब पूरी तरह संग्राली गांव की जीवनशैली में रम गए हैं. वह ग्रामीणों के साथ खेतों में इन दिनों गेहूं की कटाई कर रहे हैं. साथ ही दिवाकर नैथानी उन्हें योगाभ्यास भी करवा रहे हैं. माइकल ने संग्राली सहित पाटा और बग्याल गांव के ग्रामीणों का धन्यवाद किया. साथ ही उन्होंने डीएम आशीष चौहान का भी आभार जताया है.

उत्तरकाशी : विदेशी मेहमान पहाड़ की समृद्ध जीवनशैली और संस्कृति के हमेशा से ही मुरीद रहे हैं. इसी क्रम में कोरोना लॉकडाउन में उत्तरकाशी में फंसे इंग्लैंड के माइकल वरुणावत पर्वत पर बसे संग्राली गांव में पहाड़ की जीवनशैली के अनुरूप अपनी दिनचर्या बिता रहे हैं.

इसके साथ ही उनके मित्र दिवाकर नैथानी उन्हें पहाड़ की जीवनशैली की बारीकियों से रूबरू करवा रहे हैं. ग्रामीणों का स्नेह पाकर अभिभूत माइकल ने ग्रामीणों के साथ जिले के डीएम आशीष चौहान का भी धन्यवाद किया.

भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन व्यतीत करते विदेशी मेहमान.

बता दें, इंग्लैंड के माइकल जनवरी माह के अंत में भारत टूरिस्ट वीजा पर आए थे. इस दौरान मार्च माह में वह उत्तरकाशी पहुंचे. लॉकडाउन के बाद माइकल यहीं फंस गए. जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन से संग्राली गांव के विमलेश्वर मंदिर में रहने की अनुमति मांगी. जिला प्रशासन ने उन्हें विमलेश्वर में रहने की अनुमति दी. संग्राली गांव में माइकल ग्रामीण दिवाकर नैथानी के सम्पर्क में आए.

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दिवाकर नैथानी ने बताया कि माइकल अब पूरी तरह संग्राली गांव की जीवनशैली में रम गए हैं. वह ग्रामीणों के साथ खेतों में इन दिनों गेहूं की कटाई कर रहे हैं. साथ ही दिवाकर नैथानी उन्हें योगाभ्यास भी करवा रहे हैं. माइकल ने संग्राली सहित पाटा और बग्याल गांव के ग्रामीणों का धन्यवाद किया. साथ ही उन्होंने डीएम आशीष चौहान का भी आभार जताया है.

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