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'NRC पर सरकार ने दी सफाई', नाम छूटने का मतलब विदेशी नागरिक नहीं

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Published : Aug 20, 2019, 6:33 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 4:37 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि वह NRC से बाहर होने वालों के लिए विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा. असम के निवासियों की सूची से संबंधित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर विभिन्न आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में नाम नहीं होने का मतलब स्वत: किसी व्यक्ति का विदेशी नागरिक घोषित हो जाना नहीं है.

मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी में नाम शामिल नहीं होने के खिलाफ अपील के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर होने वालों के लिए विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा. असम के निवासियों की सूची से संबंधित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी.

बता दें, यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी हिस्सा लिया.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेशी नागरिक कानून 1946 और विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश 1964 के प्रावधानों के तहत विदेशी नागिरक न्यायाधिकरण के पास ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है.

पढ़ें: असम NRC: 10 दिन में आएगा अंतिम मसौदा, कई लोगों में बेघर होने की चिंता

इसमें कहा गया, 'इसलिए, एनआरसी से किसी व्यक्ति का नाम छूटने का यह मतलब नहीं है कि उसे स्वत: विदेशी घोषित किया जा रहा है.' असम के जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनके लिए सरकार अपील करने की पूरी व्यवस्था करेगी. एनआरसी की अंतिम सूची इस माह के अंत में जारी होनी है.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'यह फैसला किया गया कि राज्य सरकार एनआरसी से बाहर होने वाले जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था करेगी. अंतिम एनआरसी में नाम शामिल नहीं हो पाने वाले हर किसी के लिए तय समय में अपील कर पाना मुमकिन नहीं है, इसलिए गृह मंत्रालय विदेशी न्यायाधिकरणों में अपील दायर करने के मौजूदा समय को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा.'

बैठक में यह निर्णय किया गया कि एनआरसी से छूटे लोगों को सहायता मुहैया कराने के वास्ते राज्य सरकार पर्याप्त व्यवस्था करेगी ताकि सूची में शामिल नहीं किए जाने के खिलाफ अपील करने का उन्हें पूरा मौका मिल सके.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति विदेशी न्यायाधिकरण में अपना मामला ले जा सकता है.

मंत्रालय ने कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराया जाएगा. बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार ने हाल के हफ्ते में गहन विचार-विमर्श किया है.

वहीं इस संबंध में जमीयत उलेमा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि 31 अगस्त को सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित किया जाएगी. इस संबंध में ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा के नेता जाकिर आलम से बातचीत की.

JU नेता जाकिर आलम से हुई बातचीत

इस दौरान जाकिर आलम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित की जाए और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भारोसा हैं. केवल उसके हस्तक्षेप से ही सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी का प्रकाशन किया जा सकता है.'

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर विभिन्न आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में नाम नहीं होने का मतलब स्वत: किसी व्यक्ति का विदेशी नागरिक घोषित हो जाना नहीं है.

मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी में नाम शामिल नहीं होने के खिलाफ अपील के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर होने वालों के लिए विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा. असम के निवासियों की सूची से संबंधित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी.

बता दें, यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी हिस्सा लिया.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेशी नागरिक कानून 1946 और विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश 1964 के प्रावधानों के तहत विदेशी नागिरक न्यायाधिकरण के पास ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है.

पढ़ें: असम NRC: 10 दिन में आएगा अंतिम मसौदा, कई लोगों में बेघर होने की चिंता

इसमें कहा गया, 'इसलिए, एनआरसी से किसी व्यक्ति का नाम छूटने का यह मतलब नहीं है कि उसे स्वत: विदेशी घोषित किया जा रहा है.' असम के जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनके लिए सरकार अपील करने की पूरी व्यवस्था करेगी. एनआरसी की अंतिम सूची इस माह के अंत में जारी होनी है.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'यह फैसला किया गया कि राज्य सरकार एनआरसी से बाहर होने वाले जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था करेगी. अंतिम एनआरसी में नाम शामिल नहीं हो पाने वाले हर किसी के लिए तय समय में अपील कर पाना मुमकिन नहीं है, इसलिए गृह मंत्रालय विदेशी न्यायाधिकरणों में अपील दायर करने के मौजूदा समय को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा.'

बैठक में यह निर्णय किया गया कि एनआरसी से छूटे लोगों को सहायता मुहैया कराने के वास्ते राज्य सरकार पर्याप्त व्यवस्था करेगी ताकि सूची में शामिल नहीं किए जाने के खिलाफ अपील करने का उन्हें पूरा मौका मिल सके.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति विदेशी न्यायाधिकरण में अपना मामला ले जा सकता है.

मंत्रालय ने कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराया जाएगा. बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार ने हाल के हफ्ते में गहन विचार-विमर्श किया है.

वहीं इस संबंध में जमीयत उलेमा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि 31 अगस्त को सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित किया जाएगी. इस संबंध में ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा के नेता जाकिर आलम से बातचीत की.

JU नेता जाकिर आलम से हुई बातचीत

इस दौरान जाकिर आलम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित की जाए और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भारोसा हैं. केवल उसके हस्तक्षेप से ही सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी का प्रकाशन किया जा सकता है.'

Intro:New Delhi: The Ministry of Home Affairs has decided to amend the rules increasing the present time of filling of appeals for citizenship from 60 days to 120 days.


Body:The development took place in a review meeting over National Register of Citizen (NRC) that took place at the Home Ministry. The meeting was chaired by Home Minister Amit Shah.

Final NRC will be published in Assam on August 31.

The meeting has decided that arrangements will be made by the state government to provide full opportunity to the persons whose names have been excluded from the final NRC to appeal against their non-inclusion.

Every individual whose name does not figure in the final NRC, can represent his or her case in front of the appellate authority, Foreigner Tribunals (FTs).

Under the provisions of Foreigners Act 1946 and Foreigners Tribunals Order 1964, only FTs are empowered to declare a person as a foreigner.

"We the Jamiat Ulema want that an error free NRC should be published on August 31. And we have faith on the Supreme Court that with his intervention only an error free NRC will be published," said Zakir Alam, leader, Jamiat Ulema.


Conclusion:In the review meeting the Assam government has agreed to set up adequate number of such tribunals at convenient locations. It has also been decided that state government would also make arrangements to provide legal aide to the needy people amongst those excluded from NRC.

end.
Last Updated : Sep 27, 2019, 4:37 PM IST
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