नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर विभिन्न आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में नाम नहीं होने का मतलब स्वत: किसी व्यक्ति का विदेशी नागरिक घोषित हो जाना नहीं है.
मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी में नाम शामिल नहीं होने के खिलाफ अपील के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं.
मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर होने वालों के लिए विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की समय सीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा. असम के निवासियों की सूची से संबंधित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी.
बता दें, यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी हिस्सा लिया.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेशी नागरिक कानून 1946 और विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश 1964 के प्रावधानों के तहत विदेशी नागिरक न्यायाधिकरण के पास ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है.
पढ़ें: असम NRC: 10 दिन में आएगा अंतिम मसौदा, कई लोगों में बेघर होने की चिंता
इसमें कहा गया, 'इसलिए, एनआरसी से किसी व्यक्ति का नाम छूटने का यह मतलब नहीं है कि उसे स्वत: विदेशी घोषित किया जा रहा है.' असम के जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनके लिए सरकार अपील करने की पूरी व्यवस्था करेगी. एनआरसी की अंतिम सूची इस माह के अंत में जारी होनी है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'यह फैसला किया गया कि राज्य सरकार एनआरसी से बाहर होने वाले जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था करेगी. अंतिम एनआरसी में नाम शामिल नहीं हो पाने वाले हर किसी के लिए तय समय में अपील कर पाना मुमकिन नहीं है, इसलिए गृह मंत्रालय विदेशी न्यायाधिकरणों में अपील दायर करने के मौजूदा समय को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा.'
बैठक में यह निर्णय किया गया कि एनआरसी से छूटे लोगों को सहायता मुहैया कराने के वास्ते राज्य सरकार पर्याप्त व्यवस्था करेगी ताकि सूची में शामिल नहीं किए जाने के खिलाफ अपील करने का उन्हें पूरा मौका मिल सके.
मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति विदेशी न्यायाधिकरण में अपना मामला ले जा सकता है.
मंत्रालय ने कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराया जाएगा. बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार ने हाल के हफ्ते में गहन विचार-विमर्श किया है.
वहीं इस संबंध में जमीयत उलेमा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि 31 अगस्त को सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित किया जाएगी. इस संबंध में ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा के नेता जाकिर आलम से बातचीत की.
इस दौरान जाकिर आलम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि त्रुटि मुक्त एनआरसी प्रकाशित की जाए और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भारोसा हैं. केवल उसके हस्तक्षेप से ही सही और त्रुटि मुक्त एनआरसी का प्रकाशन किया जा सकता है.'