नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल रोहिंग्या मुसलमानों का पता लगाने और उनकी स्क्रीनिंग करने को कहा है. साथ-साथ उनका भी पता लगाने को कहा है, जो जमात के साथ संपर्क में थे.
गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा विभाग ने सभी राज्यों के सचिवों के साथ-साथ पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा. पत्र में बताया गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने तबलीगी जमात के इज्तेमास और अन्य धार्मिक सभा में भाग लिया है और उनके COVID-19 संक्रमित होने की आशंका है.
हैदराबाद में शिविरों में रहने वाले रोहिंग्याओं ने मेवात, हरियाणा में तबलीगी जमात इज्तेमा में भाग लिया था और नई दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज भी गए थे. इसी तरह, श्रम विहार, शाहीन बाग, दिल्ली में रहने वाले रोहिंग्या, जो जमात की गतिविधियों के लिए गए थे, अब तक नहीं लौटे हैं.
इसके अलावा तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति भी वर्तमान में डेराबासी, पंजाब और जम्मू और कश्मीर के जम्मू और कश्मीर क्षेत्र से आई है.
मंत्रालय ने 15 अप्रैल के अपने पत्र में राज्यों से कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों से संपर्क में आए लोगों की कोरोना COVID-19 की जांच की जानी चाहिए. और इस संदर्भ प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक उपाए किए जाने चाहिए.
भारत में लगभग 40,000 रोहिंग्या हैं, जबकि केवल 17,500 ने शरणार्थियों के तौर पर संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) में पंजीकृत हैं.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में हुए कार्यक्रम के बाद मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया था. साद ने पुलिस से एफआईआर की कॉपी की मांग की है, साथ ही जांच में सहयोग करने की बात कही है.
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मौलाना साद को समन जारी करने की उम्मीद है. साद ने खुद को क्वारंटाइन कर रखा है.