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जम्मू-कश्मीर: आर्टिकल-35ए से छेड़छाड़ होने पर कुर्बानी देने को तैयार

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35ए हटाने के लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं. इसी बीच प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कुर्बानी देने की बात कही है. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Jul 31, 2019, 4:33 PM IST

महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से धारा 35 ए हटाए जाने को लेकर राज्य में राजनीति गर्म है. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर इसे हटाया गया, तो वह अपनी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

पीडीपी प्रमुख महबूबा ने राज्य के सभी लोगों से इसकी रक्षा करने की अपील की है. महबूबा ने कहा कि सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को लोगों के घरों पर जाना चाहिए.

बकौल महबूबा लोगों को कहना चाहिए कि इस वक्त क्या करना है. चुनाव की लड़ाई है, उसको अलग रखें. मिलकर काम करेंगे. और जम्मू-कश्मीर के लिए धारा 35 ए की रक्षा करेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए जान और माल कुर्बान करनी पड़े, तो वह तैयार हैं. जनता भी इसके लिए तैयार रहे.

ये भी पढ़ें: अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से लोगों में डर फैल रहा है : महबूबा मुफ्ती

महबूबा ने कहा कि हम सबको इकट्ठा होना चाहिए. ना सिर्फ नेताओं को, बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों को. यहां तक कि भाजपा और कांग्रेस को भी.

इससे पहले महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सेना के माध्यम से हल नहीं होगी. भारत सरकार को अपनी नीति पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है.

गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने के फैसले पर महबूबा मुफ्ती के अलावा पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने सवाल किए हैं.

गौरतलब है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल के जम्मू-कश्मीर से लौटने के बाद राज्य में लगभग 10 हजार जवानों के तैनाती की खबरें सामने आई थीं. इसी के बाद से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35ए खत्म करने की कवायद किए जाने की बातें सामने आ रही हैं.

नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से धारा 35 ए हटाए जाने को लेकर राज्य में राजनीति गर्म है. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर इसे हटाया गया, तो वह अपनी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

पीडीपी प्रमुख महबूबा ने राज्य के सभी लोगों से इसकी रक्षा करने की अपील की है. महबूबा ने कहा कि सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को लोगों के घरों पर जाना चाहिए.

बकौल महबूबा लोगों को कहना चाहिए कि इस वक्त क्या करना है. चुनाव की लड़ाई है, उसको अलग रखें. मिलकर काम करेंगे. और जम्मू-कश्मीर के लिए धारा 35 ए की रक्षा करेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए जान और माल कुर्बान करनी पड़े, तो वह तैयार हैं. जनता भी इसके लिए तैयार रहे.

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महबूबा ने कहा कि हम सबको इकट्ठा होना चाहिए. ना सिर्फ नेताओं को, बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों को. यहां तक कि भाजपा और कांग्रेस को भी.

इससे पहले महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सेना के माध्यम से हल नहीं होगी. भारत सरकार को अपनी नीति पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है.

गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने के फैसले पर महबूबा मुफ्ती के अलावा पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने सवाल किए हैं.

गौरतलब है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल के जम्मू-कश्मीर से लौटने के बाद राज्य में लगभग 10 हजार जवानों के तैनाती की खबरें सामने आई थीं. इसी के बाद से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35ए खत्म करने की कवायद किए जाने की बातें सामने आ रही हैं.

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