लखनऊ : मेरठ जिले की रहने वाली एक बेटी ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसका आने वाली पीढ़ियों को उदाहरण दिया जाएगा. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक बेटी ने अपने घर को छोड़ दिया और पीसीएस की परीक्षा पास कर अफसर बन गई.
संजू ने अपने करियर को ज्यादा तरजीह देते हुए घर से बगावत तक कर ली. परिवार वालों द्वारा शादी के लिए दबाव बनाने पर उन्होंने कहा कि वह अभी शादी नहीं करेंगी. घरवालों के लगातार बनाए जा रहे दबाव के चलते संजू ने एक दिन घर छोड़ने का फैसला कर लिया.
संघर्ष के बीच पढ़ाई
मेरठ की रहने वाली संजू बताती हैं, उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ, जहां बेटियों की शिक्षा को पसंद नहीं किया जाता था. वह बताती हैं कि इसी सोच की वजह से उनकी बड़ी बहन की शादी इंटर पास करने के बाद ही कर दी गई थी. संजू ने जैसे ही इंटर पास किया, तो घरवाले उन्हें आगे पढ़ने से मना करने लगे. संजू ने जब इसका विरोध किया तो उसे आए दिन घरवालों के गुस्से का सामना करना पड़ता था. जैसे-तैसे संजू ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया, लेकिन घर में फिर उन्हीं बातों का सामना करना पड़ा. लिहाजा एक दिन उसने घर छोड़ने का फैसला कर लिया.
2013 में संजू ने छोड़ा घर
संजू बताती हैं कि उन्होंने साल 2013 में घर छोड़ दिया था. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने कभी ट्यूशन पढ़ाया, तो कभी प्राइवेट नौकरी की, लेकिन पढ़ाई में कोई कोताही नहीं बरती. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सालों की मेहनत का फल उन्हें इस कामयाबी से मिला.
सिविल सर्विसेज की तैयारी
घर से बगावत कर अलग रहकर संजू ने साल 2017 में सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. कई साल बाद संजू का संघर्ष रंग लाया और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पीसीएस परीक्षा पास की. संजू अब पीसीएस परीक्षा पास करके कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर बन गई हैं. संजू अब आईएएस की तैयारी कर रही हैं. उनकी ख्वाहिश है कि वह मेरठ में ही एक दिन कलेक्टर बनकर आएं.
रूढ़िवादी सोच पर संजू ने लगाया ताला
वहीं संजू के गुरु अभिषेक शर्मा का कहना है कि इस बिटिया की सफलता समाज की उस सोच की हार है, जहां बेटियों को बेटों से कमतर आंका जाता है. मेरठ की इस बेटी ने अफसर बिटिया बनकर उन लोगों के मुंह पर ताला लगा दिया है, जो रूढ़िवादी सोच के शिकार हैं.