नागपुर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती महाराष्ट्र चुनाव के लिए नागपुर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे भी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तरह बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगी.
मायावती ने कहा, 'आप लोग मेरे बारे में भी सोचते होंगे. बहनजी कब बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगी. मैं दीक्षा जरूर लूंगी, लेकिन सही और उचित समय पर. मेरे साथ पूरे देश के लोग धर्म-परिवर्तन करें. यह कार्य तभी संभव हो सकता है, जब बाबासाहब के अनुयायी राजनीति के क्षेत्र में उनके बताए रास्ते पर चलेंगे.'
बता दें, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि पर अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी. उन्होंने अपने देहांत से कुछ समय पहले अपना धर्म परिवर्तन किया था.
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अपने संबोधन में मायावती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर भी नाराजदी जताई. उन्होंने कहा कि भागवत को सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष देश बताया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भागवत के इस बयान से मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के मन में भय की स्थिति पैदा हो गई है.