जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया है. मास्टर भंवरलाल मेघवाल 1980 में पहली बार सुजानगढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे, जिसके बाद से वो लगातार इसी सीट से चुनाव लड़ते रहे और अब तक पांच बार के विधायक रह चुके थे.
13 मई को भंवर लाल मेघवाल को ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद SMS अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. 15 मई को एयरलिफ्ट कर उनको गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका पिछले कई महीनों से इलाज चल रहा था. आज सोमवार को उनका निधन हो गया.
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चूरू जिले के सुजानगढ़ उपखंड की शोभासर ग्राम पंचायत के गांव भागसर पूर्वी में 2 जुलाई 1948 को मास्टर भंवरलाल मेघवाल का जन्म हुआ था. भंवरलाल मेघवाल के एक बेटा और दो बेटियां हैं, जिनमें से जिला प्रमुख रह चुकी उनकी एक बेटी बनारसी देवी का कुछ दिनों पहले ही निधन हुआ था.
सरकारी टीचर से मंत्री तक का सफर...
मास्टर भंवरलाल मेघवाल सरकारी शिक्षक थे. सुजानगढ़ के राजकीय झंवर स्कूल में वह बतौर पीटीआई कार्यरत रहे. शिक्षक होने के कारण ही उन्हें मास्टर भंवरलाल कहा जाता है. 1977 में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. मेघवाल 1980 में फिर से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. तब से अब तक वह 5 बार विधायक रह चुके.
मास्टर भंवरलाल मेघवाल 1980 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद 1990 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते. इसके बाद वह 1998 में चुनाव जीते, साल 2008 में फिर चुनाव जीते और प्रदेश के शिक्षा मंत्री बने. 2018 में वो पांचवीं बार चुनकर विधानसभा में आए और गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के पद को संभाला.
मास्टर भंवरलाल जब-जब चुनाव जीतते थे कांग्रेस की सरकार बनती थी
मास्टर भंवरलाल मेघवाल के साथ एक मिथक भी जुड़ा हुआ था कि वह एक बार चुनाव जीतते थे और दूसरी बार चुनाव हारते थे. जब वह चुनाव जीतते थे, तो कांग्रेस सत्ता में भी आती थी. साल 1998 में जब मास्टर भंवरलाल मेघवाल विधायक बने, तो कांग्रेस की सरकार बनी. उसके बाद साल 2008 और फिर 2018 में भी मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने जीत दर्ज की, तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी.
कांग्रेस ने खोया बड़ा दलित नेता...
मास्टर भंवरलाल मेघवाल इस समय राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा दलितों का चेहरा थे. उनके निधन से कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा है. पार्टी को अब एक उनके कद का दलित नेता खोजना काफी मुश्किल होगा.