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आईसीएमआर के डीजी बोले- टीका उपलब्ध होने के बाद भी लगाना होगा मास्क - इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए जो स्वास्थ्य प्रोटोकॉल बनाए गए थे, वह आगे भी जारी रहेंगे और लोगों को हमेशा मास्क लगाना होगा.

डॉ बलराम भार्गव
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Published : Jan 3, 2021, 10:42 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां जारी रहेंगी और लोगों को टीका उपलब्ध होने के बाद भी मास्क लगाते रहने होगा.

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि मास्क हमेशा लगाते रहना होगा. इसे शायद कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता है.

भार्गव ने आगे कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि टीका कब तक प्रभावी हो सकता है, हम यह नहीं जानते हैं कि वायरस ट्रांसमिशन तोड़ने के लिए हमें कितने लोगों का टीकाकरण करना होगा. हम जानते हैं कि हम कोविड को उपयुक्त व्यवहार का पालन करके देश में महामारी को नियंत्रित करने में सक्षम हैं.

आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यूके-स्ट्रेन एक संपूर्ण वायरस है. भारत निर्मित टीके वायरस के लेवल पर सभी प्रोटीनों को लक्षित करते हैं, न कि केवल एक एस-जेन प्रोटीन को उत्परिवर्तित करते हैं. इसलिए जो टीके सिर्फ 'SGEN' को निशाना बना रहे हैं वे भी काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह अभी भी वैज्ञानिक अनुमान है.

पढे़ं -कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी, डब्लूएचओ ने की सराहना

आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि कोरोना वायरस को दूर रखने के लिए कई स्वास्थ्य प्रोटोकॉल बनाए गए थे और वे लंबे समय तक बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय हमें आगे भी जारी रखने होंगे.

नई दिल्ली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां जारी रहेंगी और लोगों को टीका उपलब्ध होने के बाद भी मास्क लगाते रहने होगा.

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि मास्क हमेशा लगाते रहना होगा. इसे शायद कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता है.

भार्गव ने आगे कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि टीका कब तक प्रभावी हो सकता है, हम यह नहीं जानते हैं कि वायरस ट्रांसमिशन तोड़ने के लिए हमें कितने लोगों का टीकाकरण करना होगा. हम जानते हैं कि हम कोविड को उपयुक्त व्यवहार का पालन करके देश में महामारी को नियंत्रित करने में सक्षम हैं.

आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यूके-स्ट्रेन एक संपूर्ण वायरस है. भारत निर्मित टीके वायरस के लेवल पर सभी प्रोटीनों को लक्षित करते हैं, न कि केवल एक एस-जेन प्रोटीन को उत्परिवर्तित करते हैं. इसलिए जो टीके सिर्फ 'SGEN' को निशाना बना रहे हैं वे भी काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह अभी भी वैज्ञानिक अनुमान है.

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आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि कोरोना वायरस को दूर रखने के लिए कई स्वास्थ्य प्रोटोकॉल बनाए गए थे और वे लंबे समय तक बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय हमें आगे भी जारी रखने होंगे.

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