मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधने की कोशिश तो की, पर यह सेल्फ गोल जैसा हो गया. वीर सावरकर को लेकर मनमोहन सिंह ने इंदिरा गांधी की सरकार के एक फैसले का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इंदिरा सरकार ने सावरकर पर एक स्टांप जारी किया था. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह सावरकर की हिन्दू विचारधारा का समर्थन नहीं करते.
पूर्व पीएम का यह बयान अपने आप में चौंकाने वाला इसलिए था कि कांग्रेस पार्टी ने दो दिन पहले ही भाजपा के घोषणा पत्र के उस संकल्प का विरोध किया था, जिसमें पार्टी ने वीर सावरकर को 'भारत रत्न' देने की मांग की थी. तब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि अब इस देश को भगवान ही बचाए. क्योंकि सावरकर के लिए 'भारत रत्न' की मांग की जा रही है. तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए वीर सावरकर को आपराधिक मुकदमें का सामना करना पड़ा था.
मनमोहन सिंह द्वारा मीडिया ब्रीफिंग के बाद शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक पुरानी चिट्ठी को ट्ववीट किया है. इसमें इंदिरा गांधी के उस बयान को दिखाया गया है, जिसमें उन्होंने वीर सावरकर की तारीफ की थी.
पूर्व पीएम ने मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना असंभव लगता है.
सिंह ने कहा, 'मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 2024 तक $ 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, हमें 2018 में $ 2.7 ट्रिलियन के मुकाबले 10-12% प्रति वर्ष की वृद्धि दर की आवश्यकता होगी. लेकिन बीजेपी के शासन में विकास दर में गिरावट देखने को मिल रही है.'
उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने बयान दिया है कि भारत की विकास दर मौजूदा चालू वित्त वर्ष में केवल 6.1% होगी, जबकि कुछ महीने पहले यह विकास दर 7.3% थी. वर्ष दर वर्ष गिरावट के साथ मुझे नहीं लगता कि 2024 तक अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है.
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सिंह ने आगे कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए बिल के पक्ष में मतदान किया, न कि इसके खिलाफ. हमारा मानना है कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी उपाय है, लेकिन अगर कोई बदलाव लाना है तो यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सद्भावना के साथ होना चाहिए.'
इस बीच मनमोहन सिंह के बयान पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने तीखी टिप्पणी की है.
पीयूष गोयल ने कहा कि मनमोहन सिंह को अपनी विफलताओं पर चिंतन करना चाहिए, जहां वे गलत हो गए थे. क्यों वे (मनमोहन सिंह) एक मजबूत अर्थव्यवस्था नहीं बना पाए. वे क्यों एक ईमानदार सरकार नहीं दे पाए. क्यों वे इतने असहाय थे कि उन्हें 10 जनपथ से आदेशों का पालन करना पड़ा. उनमें फैसले लेने की क्षमता नहीं थी.