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उम्मीदों की राजनीति पर भय हावी न होने दें, पूर्व PM डॉ मनमोहन सिंह ने की अपील

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रविवार को जयपुर दौरे पर रहे. इस दौरान राजस्थान विधानसभा में आयोजित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में पहुंच कर उन्होंने समापन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने विधायी कार्यों से जुड़े रहने के लिए विधायकों को कई टिप्स दिए.

मनमोहन सिंह ने राजस्थान के विधायकों से मिलकर उन्हें टिप्स दिए
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Published : Jul 7, 2019, 9:37 PM IST

जयपुरः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजस्थान विधानसभा पहुंच कर प्रदेश के विधायकों को कई टिप्स दिए. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा कि देश के लिए जरूरी है कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर हावी न हो. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे.

राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने विधायी कार्यों में विधायकों की भागीदारी बढ़ाए जाने पर जोर दिया.

राजस्थान विधानसभा में 15वीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि विधायकों को लोगों में आत्मविश्वास लाना चाहिए, ताकि वे खुशी से रह सकें.

मनमोहन सिंह ने राजस्थान के विधायकों से मुलाकात की

सिंह ने कहा कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर हावी नहीं हो, इसके लिये जनता विधायकों पर निर्भर रहती है और यह देश के लिये जरूरी है.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायक राज्य के प्रति अपने संसदीय दायित्व को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे.

उन्होंने कहा कि हर विधायक का पहला कर्तव्य है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के निवासियों और विधानसभा के बीच कड़ी के रूप में काम करे. उसे विधायक कोष की राशि का सौ प्रतिशत उपयोग कर अपने विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संरचना, स्कूल, चिकित्सालय निर्माण जैसे कार्य कराने चाहिए.

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले एक जाने-माने शिक्षाविद ने इस बात को इंगित किया था कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर खतरा बन सकती है.

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मनमोहन सिंह ने राजस्थान के विधायकों से मिलकर उन्हें टिप्स दिए

सिंह ने विधायकों से कहा, 'आप इस समस्या को भली भांति समझते हैं, इसलिए जनता में आत्मविश्वास लाना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि उनमें यह विश्वास हो सके कि आपके कुशल नेतृत्व के कारण वे लोग खुशहाली से जी रहे हैं.'

सिंह ने कहा कि एक विधायक को विशेष तौर पर जब वह विपक्ष में हो तब अन्य लोगों को सुनने की आदत होनी चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत दुख होता है जब कुछ राज्यों की विधानसभाओं में विधायक अभद्र व्यवहार करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोकसभा और कई विधानसभाओं की कार्यवाही का अब सीधा प्रसारण किया जा रहा है. यह अफसोस की बात है कि कभी-कभी कुछ विधायक और कुछ सांसद सदन में अभद्र व्यवहार करते हैं. इससे मुझे बहुत दुख होता है. इस तरह की घटनाओं से युवा पीढ़ी में एक गलत संदेश पहुंचता है. सदनों में तथ्यपरक और गुणवत्तापूर्ण चर्चा होनी चाहिए.

सिंह ने कहा कि विश्व में संसदीय लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है.

पढ़ेंः कांग्रेस को सभी स्तरों पर संगठित करने की जरूरत : पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

उन्होंने अपने दायित्व के प्रभावी निर्वहन के लिए राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली एवं नियमों की गहन जानकारी रखने का आह्वान किया.

मनमोहन सिंह ने कहा कि हर विधायक जनता के प्रतिनिधि के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है जिसे अपनी संविधान प्रदत्त विधायी, वित्तीय एवं संवैधानिक शक्तियों का जनसेवा के लिए मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना चाहिए. सरकार एवं प्रतिपक्ष को मिलकर सहमति के आधार पर अग्रसर होना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों का समुचित विकास करने के लिये 'विधायक निधि' का पूरा उपयोग करना चाहिए.

कैग की एक रिपोर्ट के बारे में मीडिया में आई खबरों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 से 2016 के दौरान विधायकों को आंवटित 'विधायक निधि' का बड़ा हिस्सा उपयोग नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि 'विधायक निधि’ का उपयोग ढांचागत विकास, स्कूल, अस्पताल के निर्माण के लिये होना चाहिए ताकि संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर लोगों को इसका फायदा मिल सके.

सिंह ने सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने में विधायकों के अधिकार, नियंत्रण और कार्यों का भी उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष को राज्यों की जरूरतों पर खुले तौर पर सोचना चाहिए और उन्हें राजनैतिक संबंधता को अलग रखते हुए आपस की सहयोग की भावना से काम करना चाहिए.

समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की.

गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए आजादी के बाद पहली बार उदारीकरण की शुरुआत की, जिससे देश के विकास की राह खुली.

उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्र भी जिस समय मंदी से गुजर रहे थे, उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री की अर्थ नीति के कारण भारत मंदी के दौर से अछूता रहा. वर्ष 2007 में भारत की जीडीपी दर 9 प्रतिशत तक लाने का श्रेय भी डॉ. सिंह को ही है.

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में डॉ. सिंह के दीर्घ अनुभवों का लाभ सभी विधायकों को लेना चाहिए ताकि वे सुशासन कायम करने में अपनी भूमिका निभा सकें.

नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा गुलाबचंद कटारिया ने प्रबोधन कार्यक्रम को एक अच्छी परिपाटी बताते हुए कहा कि इस तरह के सामूहिक विचार विमर्श से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है.

(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई)

जयपुरः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजस्थान विधानसभा पहुंच कर प्रदेश के विधायकों को कई टिप्स दिए. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा कि देश के लिए जरूरी है कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर हावी न हो. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे.

राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने विधायी कार्यों में विधायकों की भागीदारी बढ़ाए जाने पर जोर दिया.

राजस्थान विधानसभा में 15वीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि विधायकों को लोगों में आत्मविश्वास लाना चाहिए, ताकि वे खुशी से रह सकें.

मनमोहन सिंह ने राजस्थान के विधायकों से मुलाकात की

सिंह ने कहा कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर हावी नहीं हो, इसके लिये जनता विधायकों पर निर्भर रहती है और यह देश के लिये जरूरी है.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायक राज्य के प्रति अपने संसदीय दायित्व को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे.

उन्होंने कहा कि हर विधायक का पहला कर्तव्य है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के निवासियों और विधानसभा के बीच कड़ी के रूप में काम करे. उसे विधायक कोष की राशि का सौ प्रतिशत उपयोग कर अपने विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संरचना, स्कूल, चिकित्सालय निर्माण जैसे कार्य कराने चाहिए.

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले एक जाने-माने शिक्षाविद ने इस बात को इंगित किया था कि भय की राजनीति उम्मीदों की राजनीति पर खतरा बन सकती है.

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मनमोहन सिंह ने राजस्थान के विधायकों से मिलकर उन्हें टिप्स दिए

सिंह ने विधायकों से कहा, 'आप इस समस्या को भली भांति समझते हैं, इसलिए जनता में आत्मविश्वास लाना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि उनमें यह विश्वास हो सके कि आपके कुशल नेतृत्व के कारण वे लोग खुशहाली से जी रहे हैं.'

सिंह ने कहा कि एक विधायक को विशेष तौर पर जब वह विपक्ष में हो तब अन्य लोगों को सुनने की आदत होनी चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत दुख होता है जब कुछ राज्यों की विधानसभाओं में विधायक अभद्र व्यवहार करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोकसभा और कई विधानसभाओं की कार्यवाही का अब सीधा प्रसारण किया जा रहा है. यह अफसोस की बात है कि कभी-कभी कुछ विधायक और कुछ सांसद सदन में अभद्र व्यवहार करते हैं. इससे मुझे बहुत दुख होता है. इस तरह की घटनाओं से युवा पीढ़ी में एक गलत संदेश पहुंचता है. सदनों में तथ्यपरक और गुणवत्तापूर्ण चर्चा होनी चाहिए.

सिंह ने कहा कि विश्व में संसदीय लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है.

पढ़ेंः कांग्रेस को सभी स्तरों पर संगठित करने की जरूरत : पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

उन्होंने अपने दायित्व के प्रभावी निर्वहन के लिए राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली एवं नियमों की गहन जानकारी रखने का आह्वान किया.

मनमोहन सिंह ने कहा कि हर विधायक जनता के प्रतिनिधि के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है जिसे अपनी संविधान प्रदत्त विधायी, वित्तीय एवं संवैधानिक शक्तियों का जनसेवा के लिए मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना चाहिए. सरकार एवं प्रतिपक्ष को मिलकर सहमति के आधार पर अग्रसर होना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों का समुचित विकास करने के लिये 'विधायक निधि' का पूरा उपयोग करना चाहिए.

कैग की एक रिपोर्ट के बारे में मीडिया में आई खबरों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 से 2016 के दौरान विधायकों को आंवटित 'विधायक निधि' का बड़ा हिस्सा उपयोग नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि 'विधायक निधि’ का उपयोग ढांचागत विकास, स्कूल, अस्पताल के निर्माण के लिये होना चाहिए ताकि संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर लोगों को इसका फायदा मिल सके.

सिंह ने सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने में विधायकों के अधिकार, नियंत्रण और कार्यों का भी उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष को राज्यों की जरूरतों पर खुले तौर पर सोचना चाहिए और उन्हें राजनैतिक संबंधता को अलग रखते हुए आपस की सहयोग की भावना से काम करना चाहिए.

समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की.

गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए आजादी के बाद पहली बार उदारीकरण की शुरुआत की, जिससे देश के विकास की राह खुली.

उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्र भी जिस समय मंदी से गुजर रहे थे, उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री की अर्थ नीति के कारण भारत मंदी के दौर से अछूता रहा. वर्ष 2007 में भारत की जीडीपी दर 9 प्रतिशत तक लाने का श्रेय भी डॉ. सिंह को ही है.

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में डॉ. सिंह के दीर्घ अनुभवों का लाभ सभी विधायकों को लेना चाहिए ताकि वे सुशासन कायम करने में अपनी भूमिका निभा सकें.

नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा गुलाबचंद कटारिया ने प्रबोधन कार्यक्रम को एक अच्छी परिपाटी बताते हुए कहा कि इस तरह के सामूहिक विचार विमर्श से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है.

(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई)

Intro:पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जयपुर में विधायकों को दिए यह टिप्स

विधायक निधि का करें पूरा इस्तेमाल, जनता से भी रखे नियमित संवाद

जयपुर (इंट्रो)
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को राजस्थान विधानसभा में पहुंचकर प्रदेश के विधायकों को संसदीय कार्य से जुड़े कई टिप्स दिए। राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने विधाई कार्यों में विधायक की भागीदारी बढ़ाए जाने पर जोर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद है।


कहा कि राजनेता का नेतृत्व ऐसा हो कि लोगों में सुरक्षा के भाव आए और जनता में भरोसे को बनाए रखना भी एक विधायक की पहली प्राथमिकता होना चाहिए


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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रविवार को जयपुर दौरे पर रहे। इस दौरान राजस्थान विधानसभा में आयोजित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में पहुंचकर उन्होंने समापन सत्र को संबोधित भी किया। इस दौरान मनमोहन सिंह ने यहां मौजूद विधायकों कहा की विधानसभा में विधायक की सक्रियता बेहद जरूरी है और विषय की पूरी जानकारी और टाइम मैनेजमेंट भी बेहद अहम है। मनमोहन सिंह के अनुसार नियम और विधाई कार्यों को जानने से विधायक का काम और प्रभावी होता है। साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को कैसे संभाले और कैसे आगे बढे इस पर भी समय-समय पर चर्चा होना बेहद जरूरी है। इस दौरान मनमोहन सिंह ने विधायक निधि के पूरे इस्तेमाल पर भी जोर दिया।

बाईट- मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री

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समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की। गहलोत ने कहा कि मनमोहन सिंह जी के वित्त मंत्री के कार्यकाल में देश में उदारीकरण की शुरुआत हुई और इनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देश के विकास की गति आगे बढ़ी। गहलोत के अनुसार जब पूरी दुनिया में मंदी का दौर चल रहा था तब भी भारत इससे अछूता रहा। इस दौरान गहलोत ने मनमोहन सरकार के कार्यकाल में सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और मनरेगा जैसी योजनाओं का जिक्र कर कहा कि ये योजनाएं देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई है।

बाईट- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान

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इससे पहले विधानसभा परिसर पहुंचने पर मनमोहन सिंह का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और स्पीकर सीपी जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री का स्वागत किया। तो वही सदन के भीतर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री का स्वागत कराया गया।

(Edited vo pkg_vidhansabha manmohan singh)

(note_ इसका एडिटेड vo पैकेज कुछ ही देर में आपको भेज रहा हूं)


Conclusion:(Edited vo pkg_vidhansabha manmohan singh)

(note_ इसका एडिटेड vo पैकेज कुछ ही देर में आपको भेज रहा हूं)
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