नई दिल्ली. मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने 2019 लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी कर दिया है. माकपा के चुनावी मेनिफेस्टो में अनुसुचित जाति/ जनजाति के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण देने का वादा किया गया है.
मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने अपना चुनावी मेनिफेस्टो जारी करते हुए 2019 के चुनाव को स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव कहा है. पार्टी का कहना है कि इस चुनाव में भविष्य दांव पर है.
कम्युनिष्ट पार्टी ने अपना 15 सुत्रीय घोषणापत्र में जारी करते हुए कहा कि इस चुनाव में पार्टी के सीपीएम के प्रचार के तीन मुख्य बातें महत्वपूर्ण हैं. पहला बीजेपी गठबंधन को पराजित करना, दूसरा सीपीएम की ताकत और लोकसभा में लेफ्ट को आगे बढ़ाना और तीसरा यह सुनिश्चित करना कि केंद्र में एक वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन हो.
घोषणपत्र जारी करते सीपीएम के महासचिव सीताराम यचुरी ने कहा, देश में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार की आवश्यकता है जो हमारे संवैधानिक गणतंत्र की रक्षा कर सके. संवैधानिक गणराज्य के संगठित होने के बाद ही हम लोगों के कल्याण की दिशा में सोच सकते हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए वर्तमान नीति, दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव होना आवश्यक है, इसलिए हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे 17वीं लोकसभा में उनकी पार्टी को वोट देकर मजबूती प्रदान करें.
सीताराम यचुरी ने आगे कहा कि "यह स्पष्ट है कि हमारे देश में संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों ने देश के संसाधनों के साथ लूट मचा रखी है."
उन्होंने कहा कि "राफेल जैसे भ्रष्टाचार घोटाले इस देश के आम लोगों को अवसर प्रदान करने से रोक रहे हैं."
यचुरी ने कहा कि, "हमने अपने घोषणापत्र में एक मजबूत कल्याणकारी राष्ट्र का आह्वान किया है. मेनिफेस्टो में सीपीआईएम ने निजी क्षेत्र में एससी/एसटी को आरक्षण देने का भी वादा किया."
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इस मौके पर सीपीआईएम ने अपने चुनावी अभियान के लिए एक गीत भी जारी किया.