नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम की सर्वदलीय बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने वन नेशन वन वोट के मुद्दे को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर यह सूचना दी थी कि पीएम द्वारा बुलाई गई इस बैठक में शिरकत नहीं कर पाएंगी.
आपको बता दें ममता ने अपने लिखे पत्र में कहा था कि, केंद्र जल्दबाजी में फैसला लेने की बजाय वन नेशन वन वोट पर एक श्वेत पत्र तैयार करे.
पीएम ने इस सर्वदलीय बैठक के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को निमंत्रण दिया है, जिनके पास बैठक के लिए कम से कम एक सदस्य राज्यसभा से और एक लोकसभा से हो.
बता दें 19 जून को होने जा रही इस बैठक में कुछ अहम मुद्दे शामिल हैं, जिनमें वन नेशन वन वोट, 2022 में आजादी को होने जा रहे 75 साल, और इस साल महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती शामिल हैं.
इसके बाद 20 जून को सभी सांसदों के साथ एक डिनर-मीटिंग की जाएगी.
गौरतलब है कि 303 सांसदों के साथ, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके बाद कांग्रेस (52) और द्रमुक (23) हैं.
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखे पत्र में, बनर्जी ने 'वन नेशन वन वोट' पर विशेषज्ञों से परामर्श की बात कही है.
इतने कम समय में 'एक देश, एक चुनाव' जैसे संवेदनशील और गंभीर विषय पर सही प्रतिक्रिया नहीं होगी. इस मामले में संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनाव विशेषज्ञों और सबसे ऊपर, पार्टी के सदस्यों के साथ परामर्श की आवश्यकता है.
ममता ने पत्र में लिखा था, मामले को जल्दबाजी में करने के बजाय, मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि कृपया सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर एक श्वेत पत्र जारी करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करके उनसे विचार मांगें, यदि आप सिर्फ ऐसा करते हैं, तो हम इस पर ठोस सुझाव दे पाएंगे.
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बनर्जी ने यह भी कहा कि वह और उनकी पार्टी आजादी के 75 साल और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के समारोह में पूरे मनोयोग से भाग लेंगे, लेकिन उन्होंने कहा इस संबंध में संसदीय मंत्रालय सभी राजनीतिक दलों के साथ परामर्श कर सकता है.
ममता ने पत्र में लिखा, 'सभी पक्षों ने जो भी फैसला किया है, हम सहमत होंगे'
बता दें टीएमसी सुप्रीमो ने पिछले हफ्ते एक NITI Aayog बैठक को भी छोड़ दिया था.
वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुईं.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच तनातनी के चलते उनके फैसले को राजनीतिक घेरे में देखा जा रहा है.
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के NITI आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के फैसले पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी थीं, जिसके बाद उन पर आरोप लगाया गया था कि वे राज्य के विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं
विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए, पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि बनर्जी संसदीय चुनावों में अपनी हार से उभरने के लिए अभी तक केंद्र और भगवा पार्टी द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक से बचने का बहाना बना रही है.
उन्होंने कहा, 'टीएमसी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल इसमें शामिल हो रहे हैं. वे संघीय ढांचे के बारे में सबसे ज्यादा बातें करते हैं, लेकिन अब खुद ही लोकतंत्र के हर एक पहलू को नष्ट करने में तुले हुए हैं.