रविवार को शारदा चिट फंड घोटाला मामले में एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई. यहां सीबीआई की टीम कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर छापा मारने पहुंची थी मगर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के अधिकारियों को ना सिर्फ जांच करने से रोक गया बल्कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.
इस बीच अब संवैधानिक संस्थाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि कोलकाता पुलिस द्वारा सीबीआई के पांच अफसरों को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे जांच के लिए पुलिस कमिश्नर के घर पहुंचे थे.
वहीं कोलकाता के विधाननगर पुलिस ने सीबीआई के क्षेत्रीय दफ्तर को घेर लिया था. कोलकाता के सीजीओ कॉम्पलेक्स में मौजूद सीबीआई के दफ्तर पर पुलिस ने अपना कब्जा कर लिया. इसके अलावा कोलकाता में दूसरे दफ्तर को भी पुलिस ने घेर लिया था.
वहीं कोलकाता में सीबीआई ऑफिस की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ को उतारा गया. बताया यह भी जा रहा है कि सीबीआई की टीम जब कमिश्नर के घर पहुंची तब पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई थी.
सीएम ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से सीबीआई को निर्देश दे रहे थे. ममता देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए शहर के मध्य में धरने पर बैठ गई हैं.
नाराज ममता ने कहा, मुझे दुख है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एजेंसी को निर्देश दे रहे हैं. वह उसे लागू कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं. उन्हें जनता को बताना चाहिए कि यह सही नहीं है.
ममता की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब इसके पहले लाउडन स्ट्रीट स्थित कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के सरकारी आवास के बाहर शाम को भारी ड्रामा देखने को मिला. सीबीआई अधिकारियों के एक समूह को शहर के पुलिसकर्मियों ने कुमार के आवास में घुसने से रोक दिया.
कोलकाता के पुलिसकर्मियों ने संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को कई गाड़ियों में भरकर एक पुलिस थाने भी ले गए.
ममता ने कहा, मैं देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए (शहर के मध्य) धरमतला में धरना शुरू करूंगी. इसके कुछ मिनट बाद ममता धरने पर बैठ गईं.