नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार की नीतियां हिन्दू विरोधी मानसिकता और तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार लोगों को केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित कर रही है.
पश्चिम बंगाल भाजपा कार्यकारिणी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली से संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि पांच अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया और 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया.
नड्डा ने कहा कि करोड़ों भारतवासियों की इच्छा थी कि भव्य राम मंदिर बने. पांच अगस्त को उसका शिलान्यास प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा हुआ. लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि पांच तारीख को पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ने लॉकडाउन लगा दिया. करोड़ों की जो इच्छाएं थी, उसको कुचलने का काम किया. उसको रोकने का काम किया.
उन्होंने आगे कहा कि ये अलग बात है कि 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा दिया गया. ये वोट बैंक की राजनीति, ये तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी मानसिकता खड़ी की जाती है. ये है ममता दीदी की राजनीति. यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं.
भाजपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर ममता सरकार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू न करने और कुछ का नाम बदलकर उसे राज्य में लागू करने को लेकर भी आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को मुख्यधारा में शामिल होने में ममता दीदी रोड़े अटकाती हैं. लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलनी हैं, उसमें रोड़ा बनती हैं. आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. लेकिन ममता दीदी बंगाल में 4.57 करोड़ गरीबों को इस स्वास्थ्य योजना से तीन साल से वंचित रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी के दौरान बंगाल में राशन बांटा जा रहा था, तब उस समय पश्चिम बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ता राशन की चोरी में लगे थे. गरीब के पेट में दो वक्त की रोटी देने की बजाय उनके पेट से निवाला छीन रहे थे. ऐसी लोक विरोधी, जन विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए और जब भी चुनाव आएगा हम लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा करेंगे.
नड्डा ने कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल पर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में आंकड़े देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो 50-50 लाख रुपये देंगे. यह भी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू किया गया. ये है इनकी जन विरोधी नीति, ये है इनकी मानव विरोधी नीति, ये है इनकी मानवता विरोधी नीति.
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नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत रखते हैं और देश भर के भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में भ्रष्ट शासन चलाने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित भू माफिया ने शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को भी कलंकित किया.
ममता सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी : नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हिंदू विरोधी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाया है.
नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार की नीतियां हिन्दू विरोधी मानसिकता और तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार लोगों को केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित कर रही है.
पश्चिम बंगाल भाजपा कार्यकारिणी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली से संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि पांच अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया और 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया.
नड्डा ने कहा कि करोड़ों भारतवासियों की इच्छा थी कि भव्य राम मंदिर बने. पांच अगस्त को उसका शिलान्यास प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा हुआ. लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि पांच तारीख को पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ने लॉकडाउन लगा दिया. करोड़ों की जो इच्छाएं थी, उसको कुचलने का काम किया. उसको रोकने का काम किया.
उन्होंने आगे कहा कि ये अलग बात है कि 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा दिया गया. ये वोट बैंक की राजनीति, ये तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू विरोधी मानसिकता खड़ी की जाती है. ये है ममता दीदी की राजनीति. यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं.
भाजपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर ममता सरकार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू न करने और कुछ का नाम बदलकर उसे राज्य में लागू करने को लेकर भी आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को मुख्यधारा में शामिल होने में ममता दीदी रोड़े अटकाती हैं. लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलनी हैं, उसमें रोड़ा बनती हैं. आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. लेकिन ममता दीदी बंगाल में 4.57 करोड़ गरीबों को इस स्वास्थ्य योजना से तीन साल से वंचित रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी के दौरान बंगाल में राशन बांटा जा रहा था, तब उस समय पश्चिम बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ता राशन की चोरी में लगे थे. गरीब के पेट में दो वक्त की रोटी देने की बजाय उनके पेट से निवाला छीन रहे थे. ऐसी लोक विरोधी, जन विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए और जब भी चुनाव आएगा हम लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा करेंगे.
नड्डा ने कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल पर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में आंकड़े देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो 50-50 लाख रुपये देंगे. यह भी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू किया गया. ये है इनकी जन विरोधी नीति, ये है इनकी मानव विरोधी नीति, ये है इनकी मानवता विरोधी नीति.
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नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत रखते हैं और देश भर के भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में भ्रष्ट शासन चलाने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित भू माफिया ने शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को भी कलंकित किया.