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कोरोना पर भी छिड़ गई 'रार', लेकिन ममता को माननी पड़ी 'हार'

कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन प. बंगाल में इस मुद्दे पर भी राजनीति शुरू हो गई. ममता सरकार ने केन्द्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप मढ़ दिया. केन्द्र की टीम पर राज्य ने सख्ती बरत दी. उन्हें काम करने से रोक दिया गया. इस पर गृह मंत्रालय ने सख्ती दिखाई और उन्हें कानून का हवाला दिया. आखिरकार विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने अपना रुख बदल लिया. अब वह केन्द्र की टीम का सहयोग करने पर राजी हो गई है. क्या है पूरा विवाद इस पर डालें एक नजर.

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Published : Apr 22, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 4:16 PM IST

कोलकाता : कोरोना वायरस की स्थिति का मौके पर जायजा लेने को लेकर केन्द्र सरकार और प. बंगाल सरकार के बीच तनातनी का माहौल बन गया है. गृह मंत्रालय की सख्ती के बाद राज्य सरकार सहयोग देने को तैयार तो हो गई, लेकिन अभी भी विवाद जारी है. मंगलवार को केंद्रीय टीम के सदस्य दिन में ज्यादातर समय गेस्ट हाउस में ही रहे.

दरअसल, केन्द्र सरकार ने प. बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ जिलों में कोविड 19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी दलों (आईएमसीटी) का गठन किया. गृह मंत्रालय के अनुसार आईएमसीटी लॉकडाउन के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हालात पर गौर करने के लिए बनाई गई है.

केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में अहम पड़ाव
केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में अहम पड़ाव

केंद्र सरकार/भाजपा के सवाल - ममता सरकार/टीएमसी के जवाब

  • 4 मार्च - कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा : केंद्र सरकार
  • दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने का प्रयास : ममता बनर्जी
  • 19 मार्च - जनता कर्फ्यू 22 मार्च को, पूरा देश करे पालन : पीएम मोदी
  • स्कूल/मदरसा में आएं शिक्षक, सार्वजनिक परिवहन जारी रहेगा : ममता बनर्जी
  • 14 अप्रैल - लॉकडाउन को गंभीरता से ले राज्य सरकार : राज्यपाल ओपी धनखड़
  • सलाह की जरूरत नहीं, राजनीति ना करें : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - प्रभावितों और मौत के आंकड़े छिपा रही सरकार, चिकित्सकों की जगह विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन क्यों किया : भाजपा
  • हमने सही कदम उठाए हैं, हमारे आंकड़े सही : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - कोरोना से प्रभावित मरीजों का पता लगाने के लिए नहीं की जा रही पर्याप्त जांच : भाजपा
  • हर दिन 400 लोगों की हो रही जांच : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - जांच के लिए पर्याप्त सैंपल नहीं भेज रही सरकार : आईसीएमआर
  • हमारे पास पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं हैं : राज्य सरकार
  • 20 अप्रैल - केंद्रीय टीम प.बंगाल में चुनिंदा जगहों पर विशेष जांच के लिए जाएगी : गृह मंत्रा
  • टीम भेजना संघीय भावना के खिलाफ, पीएम दें दखल : ममता बनर्जी
  • 21 अप्रैल - गृह मंत्रालय की सख्ती, सुप्रीम कोर्ट और कानून का दिया हवाला
  • राज्य सरकार सहमत, विशेष जांच की दी इजाजत

ममता का विरोध

इसकी जानकारी मिलते ही ममता सरकार ने विरोध शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस कदम को एकपक्षीय और अनपेक्षित बताया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर राज्य सरकार से संपर्क नहीं किया गया. उन्होंने पूछा कि आपके आकलन का आधार क्या है. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा.'

एडवेंचर टूरिज्म पर आई केन्द्रीय टीम : टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आईएमसीटी के सदस्यों के आने को 'एडवेंचर टूरिज्म' करार दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र राजनीति कर रहा है. उनके अनुसार केन्द्र की टीम प्रक्रियागत नियम के तहत नहीं आई. आईएमसीटी की टीम कोलकाता और जलपाईगुड़ी में पहुंची थी.

गृह मंत्रालय की सख्ती

केन्द्रीय टीम को जब काम करने से रोका गया, तो गृह मंत्रालय ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया. मंत्रालय ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार किसी भी सूरत में इस टीम को काम करने से नहीं रोक सकती है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर कानून के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के आदेश का जिक्र किया. चिट्ठी में साफ कर दिया गया कि ये निर्देश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत दिए गए हैं.

तुरंत सहयोग करे ममता सरकार : केन्द्र

गृह सचिव ने कहा कि आईएमसीटी में जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और राष्ट्रीय डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य शामिल हैं. इनकी विशेषज्ञता से राज्य सरकार को ही मदद मिलेगी. गृह मंत्रालय ने राज्य को लिखे गए पत्र में साफ कर दिया कि उनकी टीम को काम करने नहीं दिया जा रहा है. राज्य सरकार तुरंत सहयोग करे. भल्ला ने कहा कि वास्तव में, केन्द्रीय टीम को यात्रा करने, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने से विशेष रूप से रोका गया है.

'प.बंगाल को दिया जाएगा निर्देश'

आईएमसीटी की टीम का अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी नेतृत्व कर रहे हैं. स्थिति का मुआयना करने के बाद यह टीम राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करेगी. रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंपी जाएगी.

मंत्रालय ने कहा कि उन जिलों का चयन किया गया है, जो या तो हॉटस्पॉट हैं या हो सकते हैं. मंत्रालय ने पं. बंगाल के सात जिलों को चिन्हित किया है. यहां पर स्थिति को गंभीर बताया गया है.

सर्किट हाउस में बैठी रही केन्द्रीय टीम

मंगलवार शाम को कोलकाता स्थित केंद्रीय टीम को बीएसएफ और स्थानीय पुलिस के संरक्षण में कुछ इलाकों के दौरे पर जाते देखा गया, लेकिन जलपाईगुड़ी गई केंद्रीय टीम सर्किट हाउस में ही बंद रही.

प. बंगाल को छोड़, सभी राज्यों ने किया सहयोग : गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि प. बंगाल को छोड़कर केन्द्र की टीम को पूरा सहयोग मिल रहा है. प बंगाल में स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है.

दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने के लिए कोरोना का दिखाया भय : ममता

आपको बता दें कि चार मार्च को जब लॉकडाउन को लेकर कोई चर्चा नहीं थी, और भारत में उस समय मात्र 28 मामले आए थे, तब ममता बनर्जी ने कहा था कि दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार ने कोरोना के भय को खड़ा किया है. उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर के बुनियादपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ये बात कही थी. उस समय भारत में 28 मामले सामने आ चुके थे. 24 मार्च को बंद की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया.

बंगाल सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप

19 अप्रैल को भाजपा की राज्य इकाई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आंकड़े छिपा रही है. बहुत कम आबादी की संक्रमण को लेकर जांच की जा रही है.

भाजपा ने कहा कि राज्य में जो मौत हुई हैं वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं. या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं, यह जांचने के लिए उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों की बजाए विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन करना राज्य सरकार के डेटा की विश्वसनीयता के बारे में संदेह पैदा करता है.

कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है.

संस्थान की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने कहा था, 'यह बड़ी खामी है. पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे. कितने सैंपल भेजे जाएंगे इसका फैसला राज्य सरकार करती है, इसलिए अगर वे और नमूने भेजेंगे तो हम ज्यादा जांच कर पाएंगे. मेरे विचार में नमूनों को अनुशंसा के अनुरूप एकत्र नहीं किया जा रहा. इसलिए बंगाल में हो रही जांच भी कम है.'

जांच किट के अभाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शिकायत पर उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने अब तक एनआईसीईडी को 42,500 किट भेजी हैं और कोई कमी नहीं है.

राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के मुताबिक पिछले सप्ताह शनिवार तक कुल 4,630 नमूनों की जांच की गई और पश्चिम बंगाल में अब हर दिन 400 जांच की जा रही हैं.

पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को कहा था कि राज्य में संक्रमण के कुल 233 मामले हैं जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट संक्रमितों की संख्या 287 बताती है.

कोलकाता : कोरोना वायरस की स्थिति का मौके पर जायजा लेने को लेकर केन्द्र सरकार और प. बंगाल सरकार के बीच तनातनी का माहौल बन गया है. गृह मंत्रालय की सख्ती के बाद राज्य सरकार सहयोग देने को तैयार तो हो गई, लेकिन अभी भी विवाद जारी है. मंगलवार को केंद्रीय टीम के सदस्य दिन में ज्यादातर समय गेस्ट हाउस में ही रहे.

दरअसल, केन्द्र सरकार ने प. बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ जिलों में कोविड 19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी दलों (आईएमसीटी) का गठन किया. गृह मंत्रालय के अनुसार आईएमसीटी लॉकडाउन के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हालात पर गौर करने के लिए बनाई गई है.

केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में अहम पड़ाव
केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में अहम पड़ाव

केंद्र सरकार/भाजपा के सवाल - ममता सरकार/टीएमसी के जवाब

  • 4 मार्च - कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा : केंद्र सरकार
  • दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने का प्रयास : ममता बनर्जी
  • 19 मार्च - जनता कर्फ्यू 22 मार्च को, पूरा देश करे पालन : पीएम मोदी
  • स्कूल/मदरसा में आएं शिक्षक, सार्वजनिक परिवहन जारी रहेगा : ममता बनर्जी
  • 14 अप्रैल - लॉकडाउन को गंभीरता से ले राज्य सरकार : राज्यपाल ओपी धनखड़
  • सलाह की जरूरत नहीं, राजनीति ना करें : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - प्रभावितों और मौत के आंकड़े छिपा रही सरकार, चिकित्सकों की जगह विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन क्यों किया : भाजपा
  • हमने सही कदम उठाए हैं, हमारे आंकड़े सही : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - कोरोना से प्रभावित मरीजों का पता लगाने के लिए नहीं की जा रही पर्याप्त जांच : भाजपा
  • हर दिन 400 लोगों की हो रही जांच : राज्य सरकार
  • 19 अप्रैल - जांच के लिए पर्याप्त सैंपल नहीं भेज रही सरकार : आईसीएमआर
  • हमारे पास पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं हैं : राज्य सरकार
  • 20 अप्रैल - केंद्रीय टीम प.बंगाल में चुनिंदा जगहों पर विशेष जांच के लिए जाएगी : गृह मंत्रा
  • टीम भेजना संघीय भावना के खिलाफ, पीएम दें दखल : ममता बनर्जी
  • 21 अप्रैल - गृह मंत्रालय की सख्ती, सुप्रीम कोर्ट और कानून का दिया हवाला
  • राज्य सरकार सहमत, विशेष जांच की दी इजाजत

ममता का विरोध

इसकी जानकारी मिलते ही ममता सरकार ने विरोध शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस कदम को एकपक्षीय और अनपेक्षित बताया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर राज्य सरकार से संपर्क नहीं किया गया. उन्होंने पूछा कि आपके आकलन का आधार क्या है. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा.'

एडवेंचर टूरिज्म पर आई केन्द्रीय टीम : टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आईएमसीटी के सदस्यों के आने को 'एडवेंचर टूरिज्म' करार दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र राजनीति कर रहा है. उनके अनुसार केन्द्र की टीम प्रक्रियागत नियम के तहत नहीं आई. आईएमसीटी की टीम कोलकाता और जलपाईगुड़ी में पहुंची थी.

गृह मंत्रालय की सख्ती

केन्द्रीय टीम को जब काम करने से रोका गया, तो गृह मंत्रालय ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया. मंत्रालय ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार किसी भी सूरत में इस टीम को काम करने से नहीं रोक सकती है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर कानून के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के आदेश का जिक्र किया. चिट्ठी में साफ कर दिया गया कि ये निर्देश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत दिए गए हैं.

तुरंत सहयोग करे ममता सरकार : केन्द्र

गृह सचिव ने कहा कि आईएमसीटी में जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और राष्ट्रीय डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य शामिल हैं. इनकी विशेषज्ञता से राज्य सरकार को ही मदद मिलेगी. गृह मंत्रालय ने राज्य को लिखे गए पत्र में साफ कर दिया कि उनकी टीम को काम करने नहीं दिया जा रहा है. राज्य सरकार तुरंत सहयोग करे. भल्ला ने कहा कि वास्तव में, केन्द्रीय टीम को यात्रा करने, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने से विशेष रूप से रोका गया है.

'प.बंगाल को दिया जाएगा निर्देश'

आईएमसीटी की टीम का अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी नेतृत्व कर रहे हैं. स्थिति का मुआयना करने के बाद यह टीम राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करेगी. रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंपी जाएगी.

मंत्रालय ने कहा कि उन जिलों का चयन किया गया है, जो या तो हॉटस्पॉट हैं या हो सकते हैं. मंत्रालय ने पं. बंगाल के सात जिलों को चिन्हित किया है. यहां पर स्थिति को गंभीर बताया गया है.

सर्किट हाउस में बैठी रही केन्द्रीय टीम

मंगलवार शाम को कोलकाता स्थित केंद्रीय टीम को बीएसएफ और स्थानीय पुलिस के संरक्षण में कुछ इलाकों के दौरे पर जाते देखा गया, लेकिन जलपाईगुड़ी गई केंद्रीय टीम सर्किट हाउस में ही बंद रही.

प. बंगाल को छोड़, सभी राज्यों ने किया सहयोग : गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि प. बंगाल को छोड़कर केन्द्र की टीम को पूरा सहयोग मिल रहा है. प बंगाल में स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है.

दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने के लिए कोरोना का दिखाया भय : ममता

आपको बता दें कि चार मार्च को जब लॉकडाउन को लेकर कोई चर्चा नहीं थी, और भारत में उस समय मात्र 28 मामले आए थे, तब ममता बनर्जी ने कहा था कि दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार ने कोरोना के भय को खड़ा किया है. उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर के बुनियादपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ये बात कही थी. उस समय भारत में 28 मामले सामने आ चुके थे. 24 मार्च को बंद की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया.

बंगाल सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप

19 अप्रैल को भाजपा की राज्य इकाई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आंकड़े छिपा रही है. बहुत कम आबादी की संक्रमण को लेकर जांच की जा रही है.

भाजपा ने कहा कि राज्य में जो मौत हुई हैं वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं. या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं, यह जांचने के लिए उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों की बजाए विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन करना राज्य सरकार के डेटा की विश्वसनीयता के बारे में संदेह पैदा करता है.

कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है.

संस्थान की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने कहा था, 'यह बड़ी खामी है. पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे. कितने सैंपल भेजे जाएंगे इसका फैसला राज्य सरकार करती है, इसलिए अगर वे और नमूने भेजेंगे तो हम ज्यादा जांच कर पाएंगे. मेरे विचार में नमूनों को अनुशंसा के अनुरूप एकत्र नहीं किया जा रहा. इसलिए बंगाल में हो रही जांच भी कम है.'

जांच किट के अभाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शिकायत पर उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने अब तक एनआईसीईडी को 42,500 किट भेजी हैं और कोई कमी नहीं है.

राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के मुताबिक पिछले सप्ताह शनिवार तक कुल 4,630 नमूनों की जांच की गई और पश्चिम बंगाल में अब हर दिन 400 जांच की जा रही हैं.

पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को कहा था कि राज्य में संक्रमण के कुल 233 मामले हैं जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट संक्रमितों की संख्या 287 बताती है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 4:16 PM IST
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