कुआलालंपुर : मलेशिया की एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को वन एमडीबी (बहुपक्षीय विकास बैंक) से अरबों डॉलर की कथित लूट के मामले में दोषी करार दिया है. वह पहले मलेशियाई नेता हैं, जो भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए हैं.
नजीब रजाक को भ्रष्टाचार के सभी सात आरोपों में दोषी पाया गया है, जिनमें से पांच मामले राजकोष से अरबों डॉलर की चोरी से जुड़े हैं. नजीब के वकीलों ने जज से सजा पर अपनी दलील देने के लिए अगले हफ्ते तक की मोहलत मांगी है.
न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने दो घंटे तक अपने फैसले को पढ़ने के बाद कहा, 'मैं आरोपी को दोषी पाता हूं और सभी सात आरोपों में दोषी करार देता हूं. नजीब अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत साबित करने में विफल रहे. उन्होंने खुद के उपयोग के लिए पैसों का दुरुपयोग किया.'
वहीं 67 वर्षीय नजीब ने इस फैसले को लेकर आगे अपील करने की बात कही है. उनका कहना है कि उन्हें धूर्त बैंकरों द्वारा गुमराह किया गया था और उनके खिलाफ मामला राजनीतिक है.
नजीब ने सोमवार देर रात फेसबुक पर लिखा, ‘पहले दिन से मैने कहा है, यह मेरे लिए अपने नाम से धब्बा हटाने का मौका है? इसके बाद, हम अदालत में अपील करेंगे, मैं तैयार हूं.’
मलेशिया के सर्वाधित प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों में से एक के वारिस नजीब पांच अलग-अलग मुकदमों में 42 आरोपों का सामना कर रहे हैं और उन्हें कई वर्षों तक की सजा हो सकती है. मौजूदा मुकदमे में सत्ता के दुरुपयोग का एक आरोप, भरोसा तोड़ने के तीन आपराधिक आरोप और धन शोधन के तीन आरोप शामिल हैं.
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नए सत्तारूढ़ गठबंधन में नजीब की पार्टी के बड़े सहयोगी गठबंधन के रूप में शामिल होने के पांच महीने बाद यह फैसला आया है. यह गठबंधन के लिए बड़ा आघात है. 2018 में अरबों डॉलर के घोटाले को लेकर जनता के गुस्से के कारण नजीब की पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था.
यह फैसला नजीब के अन्य मुकदमों पर असर डालेगा और कारोबारी समुदाय को भी यह संकेत जाएगा कि मलेशिया का कानूनी तंत्र अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निबटने में मजबूत हो चुका है.
अंतरराष्ट्रीय मामलों के संस्थान के एक वरिष्ठ फेलो ओह ई सून ने कहा कि इस फैसले से इसके जैसे मामले में सजा की मजबूत नींव रखी जाएगी.
मौजूदा मलय राष्ट्रवादी गठबंधन में नजीब की पार्टी एक बड़ा सहयोगी दल है. मुह्याद्दीन की पार्टी द्वारा पिछली सुधारवादी सरकार को गिराने के बाद इस गठबंधन की मार्च में स्थापना हुई थी.
नजीब ने सरकार बनाने के बाद 2009 में मलेशिया के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए एक एमडीबी के कोष की स्थापना की थी. इसी कोष से अरबों डॉलर की हेरफेर का आरोप लगा था.