नई दिल्लीः बुधवार को अपनी पार्टी की ओर से बुर्का पर प्रतिबंध की मांग करने वाले संजय राउत को अब कुछ भी सही प्रतीत नहीं हो रहा है.
राजनीतिक विश्लेषक जैनब सिकंदर ने एनडीए सहयोगी के दोहरे मानकों पर सवाल खड़े किए.
उन्होंने एक अप्रैल 2005 के शिवसेना के मुखपत्र में प्रकाशित एक लेख की ओर इशारा किया, जिसमें पुरुषों को उकसाने के लिए गलत ढंग से कपड़े पहनने की ओर इशारा किया गया था.
उन्होंने शिवसेना सांसद से स्पष्टता की मांग की. उन्होंने कहा कि जब मैंने सुना कि वे बुर्का पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं तो मैं सबसे पहले तो यह जानना चाहती हूं कि उनका रुख क्या है, एक ओर आपको शॉर्ट ड्रैस पहनने वाली महिलाओं से समस्याएं हैं, तो दूसरी ओर जो महिलाएं मामूली से कपड़े पहनती हैं, आप उन्हें भी कह रहे हैं कि वे इसे न पहनें.
यह भी पढ़ेंः 'हर बुर्काधारी महिला आतंकी नहीं होती, पर सुरक्षा का सवाल है तो बैन से परहेज क्यों'
जैनब ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा इस पूरे मामले में कोई कदम न उठाए जाने पर हैरानी नहीं जताई. और शिवसेना पर अपनी सहूलियत के हिसाब से राजनीति करने का आरोप लगाया
जैनब ने कहा, किसी भी राजनीतिक दल के लिए उनका लक्ष्य चुनाव के मौसम के दौरान उनकी उपयुक्तता के अनुसार बदल जाता है. आतंकवाद और राष्ट्रवाद भाजपा व उनके सहयोगियों के लिए मुख्य मुद्दे हैं.
बता दें, शिवसेना सांसद संजय राउत ने राजनीति में बुर्का बैन को लेकर बड़ा विषय बनाया है, उन्होंने श्रीलंका सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की खातिर सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का बैन होने तक की बात कही थी.