नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 28 अक्टूबर से तीन चरणों में बिहार चुनाव कराने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही सभी राजनीतिक दल तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं. दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद बिनॉय विश्वम ने एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि महागठबंधन में सीट बंटवारा करने की वार्ता सही दिशा में है. हम बहुत जल्द प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि, सीपीआई, सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) ने आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिलाने की घोषणा की है. आरजेडी के नेतृत्व में महागठबंधन में पहले से ही कांग्रेस एक प्रमुख सहयोगी के रूप में है.
60 सीटों पर दावा किया
अगर सूत्रों की मानें तो आरजेडी और कांग्रेस ने अभी तक वाम दलों को दी जाने वाली सीटों की संख्या पर चर्चा नहीं की है. वाम दलों ने 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 60 सीटों पर दावा किया है. सूत्रों ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस अपने हिस्से की सीटों से लेफ्ट पार्टियों और अन्य सहयोगियों को हिस्सा देंगे.
विश्वम ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार बिहार में कोई भी विकास लाने में विफल रही है. वास्तव में नीतीश कुमार भाजपा-आरएसएस के हाथों में खिलौना की तरह काम कर रहे थे.
महागठबंधन का एक साझा एजेंडा होगा
उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन का एक साझा एजेंडा होगा और यह चुनावी घोषणा पत्र में परिलक्षित होगा. हमारा एजेंडा गरीबों, अल्पसंख्यकों और समाज के वंचित वर्ग के लिए है. सभी मुद्दे आम एजेंडे में परिलक्षित होंगे और जब हम एक देशबंधु के रूप में जा रहे हैं, तो इसके कुछ कार्यक्रम होंगे.
उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन बिहार में एक नया इतिहास लिखने जा रहा है. विश्वम ने कहा कि गठबंधन समय की जरूरत है. किसी भी कीमत पर भाजपा को हराने की जरूरत है. वाम दलों के साथ महागठबंधन एक शक्तिशाली ताकत है, जिसे कोई नहीं हरा सकता.
जीतने के लिए लड़ेंगे चुनाव
बिनॉय विश्वम ने कहा कि महागठबंधन चुनावी रणक्षेत्र में जीतने के लिए उतरेगा.
कृषि सुधार विधेयकों का जिक्र करते हुए विश्वम ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों को कृषि बिलों के बारे में बताएगी. केंद्र सरकार द्वारा की गई विभिन्न घोषणाएं बयानबाजी और खोखली हैं. सरकार खेती को कॉर्पोरेट जगत को सौंपने की कोशिश कर रही है. विधेयक को लेकर आंदोलन होंगे और इसका राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा.