मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार के गठन पर गतिरोध के बीच आरएसएस की ओर झुकाव रखने वाले एक मराठी दैनिक समाचार-पत्र ने मंगलवार को दोहराया कि राज्य विधानसभा चुनाव में जनादेश भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए है, न कि किसी अन्य राजनीतिक संयोजन के लिए.
नागपुर के समाचार-पत्र 'तरुण भारत' ने शिवसेना के सांसद संजय राउत पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि एक राजा (प्रत्यक्ष तौर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे) को दरबारियों के कारण कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन राजा को हस्तक्षेप करना पड़ता है और लोगों को आश्वस्त करना पड़ता है कि वह सर्वोच्च नेता हैं.
राउत मुख्यमंत्री पद को साझा करने की अपनी पार्टी की मांग को लेकर काफी मुखर रहे हैं.
प्रकाशन ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश 'महायुति' (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) के लिए है और सीटों की संख्या से लोगों के फैसले का पता चलता है कि उनके बीच बड़ा भाई कौन है.
समाचार पत्र ने मंगलवार को अपने एक संपादकीय में यह पूछने की कोशिश की कि ऐसे में क्या महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार होनी चाहिए कि नहीं, जब राज्य गंभीर कृषि संकट का सामना कर रहा है और राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला भी जल्द आने वाला है.
संपादकीय में कहा गया, 'जनादेश केवल भाजपा के लिए नहीं, बल्कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए है. जनादेश किसी अन्य राजनीतिक अंकगणित के लिए भी नहीं है. लोगों के जनादेश का सम्मान दोनों दलों के शब्दों और कार्यों में प्रतिबिंबित होना चाहिए.'
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संघ और भाजपा के करीबी माने जाने वाले इस समाचार-पत्र में छपे संपादकीय में इस बात पर हैरानी जतायी गयी है कि राउत यह कैसे समझ नहीं पाए कि कांग्रेस, शिवसेना-राकांपा गठबंधन को समर्थन नहीं दे सकती क्योंकि नयी दिल्ली, बिहार और बाद में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं.
गौरतलब है कि 'तरुण भारत' ने सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत की तुलना राजा विक्रमादित्य को चुनौती देने वाले पौराणिक पिशाच ‘बेताल’ से की थी और कहा था कि वह महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के सत्ता में आने की संभावनाओं को आहत कर रहे हैं.