मनीला: एशिया में समाज के लिए मिसाल बनने वाले लोगों को रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया जाता है. इस पुरस्कार को एशिया का नोबेल प्राइज भी कहा जाता है. इस साल पांच लोगों को ये पुरस्कार दिया जाएगा.
विजेताओं को चयनित कर लिया गया है. चुने गए लोगों में भारत के पत्रकार रवीश कुमार, मैनमार से स्वे विन, थाईलैंड से अंगखाना नीलापाइजित, फिलीपिंस से रैयमुंडो पुजंते और दक्षिण कोरिया के किम जोंग की शामिल हैं.
इससे पहले भी कई भारतीयों को ये पुरस्कार मिल चुका है. साल-2018 में भारत के दो लोगों को ये अवॉर्ड दिया गया था. विजेताओं में शिक्षा क्षेत्र के सोनम वांगचुक और मुंबई के चिकित्सक भारत वाटवानी शामिल थे.
आचार्य विनोबा भावे ये पुरस्कार हासिल करने वाले पहले भारतीय थे. वहीं बात करें पहली महिला की तो मदर टेरेसा को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
वहीं ये पुरस्कार रवीश कुमार से पहले छह पत्रकारों को भी मिल चुका है. इन पत्रकारों में अमिताभ चौधरी, बीजी वर्गीज, अरुण शौरी, आरके लक्ष्मण, पी साईंनाथ को यह पुरस्कार शामिल हैं. अब तक 40 भारतीयों को अलग-अलग क्षेत्रों में ये पुरस्कार मिल चुका है.
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है. ये पुरस्कार फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैगसेसे की याद में दिया जाता है. अप्रैल 1957 में फिलीपीन सरकार की सहमति से यह पुरस्कार न्यूयॉर्क शहर के रॉकफेलर ब्रदर्स फेड के ट्रस्टियों ने स्थापित किया था.
खास तौर पर ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने शासन में ईमानदारी, लोगों के लिए साहसी सेवा और लोकतांत्रिक समाज के भीतर व्यावहारिक आदर्शवाद की मिसाल कायम की है.