बेंगलुरु : मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस के बागी विधायक मीडिया के सामने आए और कहा कि उन्हें बंधक नहीं बनाया गया है. बागी विधायकों ने बेंगलुरु में मीडिया से बात की. इस दौरान तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहूलाल साहू और इमरती देवी समेत अन्य बागी विधायक मौजूद रहे.
विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कोई विधायक बंधक नहीं है बल्कि सभी विधायक अपनी मर्जी से यहां हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें मजबूरी में कांग्रेस का साथ छोड़ना पड़ा है, राहुल गांधी ने उनकी बात नहीं सुनी. उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी समय उपचुनाव के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे कभी 15 मिनट भी बात नहीं की.
विधायक इमरती देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास उनसे मिलने का समय भी नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री के पास दलालों और भ्रष्टाचारियों से मिलने का समय है. उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके नेता हैं और वह हमेंशा उनका साथ देंगी.
विधायक तुलसी सिलावट ने कहा कि हमको किसी ने बंधक नहीं बनाया है. मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में महाराज की बड़ी भूमिका थी. प्रदेश में विधायक और मंत्रियों से ज्यादा अधिकारियों की चलती है, पिछले डेढ़ साल से हम सरकार के मजदूर थे, कमलनाथ हमारी बात नहीं सुनते थे.
बता दें कि मध्य प्रदेश के 22 बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और वह कर्नाटक के बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं. कांग्रेस दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और वह भाजपा में शामिल हो गए हैं. सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल के अभिभाषण के बाद 26 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है.
इस बीच मध्य प्रदेश भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है और इसको लेकर उसने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसको लेकर आज सुनवाई होनी है.