काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने विवादित बयान में भगवान श्री राम को नेपाली बताया है. बता दें कि हाल के दिनों में भारत और नेपाल के बीच के रिश्तों में खटास आ गई है. दूसरी तरफ नेपाल में केपी शर्मा ओली की कुर्सी भी खतरे में दिख रही है.
राष्ट्र को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि असली अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं.
बता दें कि, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' समेत एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है. उनका कहना है कि ओली की हालिया भारत विरोधी टिप्पणी न तो राजनीतिक रूप से सही थी और न ही कूटनीतिक रूप से उचित थी.
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Real Ayodhya lies in Nepal, not in India. Lord Ram is Nepali not Indian: Nepali media quotes Nepal Prime Minister KP Sharma Oli (file pic) pic.twitter.com/k3CcN8jjGV
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— ANI (@ANI) July 13, 2020
भारत विरोधी टिप्पणियों और कामकाज की शैली को लेकर ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही है.
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों के बीच मतभेद उस समय बढ़ गया जब प्रधानमंत्री ने एकतरफा फैसला करते हुए संसद के बजट सत्र का समय से पहले ही सत्रावसान करने का फैसला किया था. सत्ता में हिस्सेदारी के मुद्दे पर एनसीपी के एक धड़े का नेतृत्व ओली और दूसरे धड़े का नेतृत्व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष 'प्रचंड' करते हैं.
ओली पर प्रधानमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष पदों से इस्तीफा देने का जबरदस्त दबाव है क्योंकि एनसीपी के ज्यादातर नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में सरकार की नाकामी और पार्टी को नजरअंदाज करते हुए एकतरफा फैसले लेने के कारण उनसे ऐसा करने को कहा है.
इससे पूर्व नेपाल ने बृहस्पतिवार को दूरदर्शन को छोड़कर अन्य सभी भारतीय समाचार चैनलों का प्रसारण बंद करते हुए आरोप लगाया कि वो ऐसी खबरें दिखा रहे हैं जिससे देश की राष्ट्रीय भावनाएं आहत हो रही हैं.